रामविलास पासवान के चुनाव नहीं लड़ने का फैसला बदल भी सकता है। भाजपा ने इसके लिए उनपर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि अब तक के पार्टी फैसले के अनुसार हाजीपुर से लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के पशुपालन मंत्री पशुपति कुमार पारस अपनी किस्मत आजमाएंगे। रामविलास पासवान राज्यसभा के रास्ते संसद में जाएंगे। लेकिन दबाव अगर बहुत बढ़ा तो पासवान का फैसला बदल भी सकता है।

एनडीए में लोकसभा सीट बंटवारे का जो फर्मूला तय हुआ था उसके अनुसार एक राज्यसभा की सीट लोजपा को देने के लिए भजपा सहमत हो गई थी। तब यह बात हुई थी कि पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्हें सबसे पहले खाली होने वाली सीट से राज्यसभा भेजा जाएगा। इसके अलावा लोजपा को छह लोकसभा सीटें दी जाएंगी। लेकिन अब भाजपा ने उनपर चुनाव लड़ने का दबाव बनाना शुरू किया है। इसका प्रमुख कारण है कि भाजपा ने सर्वे कराया है उसमें रामविलास पासवान को ही जिताउ उम्मीदवार माना जा रहा है। लिहाजा भाजपा के शीर्ष नेता उनपर हाजीपुर से चुनाव लड़ाने का दबाव बनाना शुरू कर दिये हैं।

हालांकि स्वास्थ्य कारणों से पासवान ने फिर भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है और उस सीट से अपने छोटे भाई श्री पारस को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। लेकिन अगर ज्यादा दबाव बना तो पासवान को भी चुनाव लड़ना पड़ सकता है। भाजपा ने यह भी संकेत दिया है कि अगर पासवान चाहें तो वह राज्यसभा से अपनी पार्टी के किसी दूसरे नेता को भेज सकते हैं।

Input : Hindustan

 

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