गणेश चतुर्थी के बाद अब 17 सितम्बर को विश्वकर्मा पूजा व 29 सितम्बर से दुर्गा पूजा की धूम मचेगी। इस दौरान श्रद्धालु पूजा पंडालों में देवी-देवताओ की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे। इसको लेकर दो माह पहले से पूजा समिति के लोग मूर्तिकारों के पास प्रतिमा बनवाने की बुकिंग करवा रहे हैं।

आर्डर के अनुसार मूर्तिकार प्रतिमा बनाने में जुट गए है। मिट्टी व बांस के दाम बढ़ने के कारण देवी-देवताओं की प्रतिमा पर भी महंगाई का रंग चढ़ने लगा है। पिछले वर्ष की अपेक्षा 20-25 प्रतिशत प्रतिमा की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके बावजूद महंगाई पर आस्था भारी है। समिति के लोग पूजा के अन्य चीजों में कटौती कर आकर्षक प्रतिमा बनवा रहे हैं।

अखाड़ाघाट दुर्गा पूजासमिति के राणा आलोक सिंह बताते है कि पहले जहां 18 फीट की प्रतिमाओं का सेट 60 से 70 हजार में मिल जाता था। इस बार बढ़कर एक लाख रुपये हो गया है। अब 20 प्रतिशत अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है। चार दशकों से प्रतिमा बना रहे साहुपोखर रोड के मूर्तिकार मुन्ना बताते है कि करीब एक दर्जन दुर्गा पूजा समितियों ने प्रतिमा बनवाने का आर्डर दिया है।

पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 25 से 30 प्रतिशत तक मिट्टी की कीमत बढ़ी है। वहीं खादी भंडार के मूर्तिकार बबलू कुमार ने बताया कि बांस की कीमत 140 से बढ़कर 150 से 160 हो गई है। मिट्टी व बांस महंगे होने से प्रतिमा के दामों में भी बढ़ोत्तरी करनी पड़ी है। विश्वकर्मा पूजा को लेकर पहले प्रतिमा बनाये जा रहे हंै। दुर्गा पूजा को लेकर देवी- देवताओं की मूर्तियों तैयार की जा रही है।

भगवान विश्वकर्मा की छोटी प्रतिमाओं की मांग अधिक भगवान विश्कर्मा कीछोटी प्रतिमाओ की डिमांड अधिक है। मूर्तिकार बताते है कि दुकानो, फैक्ट्री व गैरेज में छोटी प्रतिमा रख पूजा करने वाले की संख्या अधिक है। बुकिंग कराने लोग पहुंच रहे है।सबसे बड़ी प्रतिमा सात फीट की बनाई जा रही है।

Input : Live Hindustan

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