नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र समेत इलाके में लगातार जारी बारिश के चलते नदियों में आए उफान से जिले में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, लखनदेई व मनुषमारा नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार जारी वृद्धि से शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी परेशानी का सबब बन गया है। झील नगर, कर्पूरी ग्राम, आश्रम घाट, अमरूद बगान, जाकरिया कॉलोनी, अखाराघाट, मिठनसराय, विजय छपरा, अब्दुल नगर उर्फ माधोपुर, लकड़ीढाई, मुक्ति धाम, शेखरपुर ढाब, हनुमंत नगर, चंदरबरदाई नगर, बालूघाट, चंदवारा व जीरोमाइल के इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। लोगों को घर छोड़कर कर अन्यत्र विस्थापित होना पड़ा है।
रजवाड़ा और पैगंबरपुर में तटबंध पर दबाव और रेन कट से दहशत का माहौल है। औराई में बागमती, मनुषमारा और लखनदेई नदी कहर बरपा रही है। प्रखंड के सभी पंचायत बाढ़ की गिरफ्त में है। कटरा में भी यही हाल है। कटरा में नाव के सहारे लोग पार कर रहे है। पारू और साहेबगंज में भी बाढ़ से स्थिति गंभीर होती जा रही है। कई इलाकों में सड़कें बह गई है। इधर, जल संसाधन विभाग, गंडक, आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है।
तमाम नदियां खतरे के निशान के पार
नदियों के जलस्तर में गुरुवार को भी वृद्धि जारी रही। तमाम नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रही। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकंदरपुर में 60 सेमी की वृद्धि के साथ 52.64 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान 52.53 मीटर है। जबकि, गंडक नदी का जलस्तर रेवाघाट में 42 सेमी वृद्धि के साथ 54.48 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान से 54.41 मीटर है। औराई के कटौझा में बागमती नदी खतरे के निशान से 3.42 मीटर उपर बह रही है। यहां गुरुवार को जलस्तर 57.15 मीटर रहा। जबकि, बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर 49.31 मीटर दर्ज किया गया।
कुल 97,927 आबादी बाढ़ की चपेट में
जिले में बाढ़ से हालत लगातार गंभीर हो रही है। जिले के औराई, कटरा, गायघाट, पारू, साहेबगंज, मुशहरी समेत नौ प्रखंडों के 64 पंचायत के 286 वार्ड की कुल 97,927 आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। खेतों की हरियाली बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। वहीं सड़कें भी बाढ़ के पानी में बह गई हैं। कई इलाकों में लोग बाढ़ के पानी से घिर गए है तो कई इलाकों में नाव ही आवागमन का सहारा रह गया है। इस बीच प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया गया है।
डीएम के निर्देश पर प्रभावित इलाकों में 15 सातुदायिक रसोई की शुरूआत कर दी गई है। साथ ही 24 सरकारी और 71 निजी समेत 95 नावों की व्यवस्था की गई है। कुल 8931 लोगों के बीच पॉलीथीन का वितरण किया गया है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अधिकारियों की टीम के साथ कई प्रभावित इलाकों का दौरा कर निर्देश जारी किया है।
जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि अत्यधिक वर्षा के कारण नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। प्रत्येक वर्ष उक्त प्रभावित क्षेत्रों में पानी आता है। जिला प्रशासन हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। घबराने की बात नहीं है। लोग संयम रखें। सावधान और सतर्क रहें।
Input : Dainik Jagran