संभावित बाढ़ की पूर्व तैयारी, तटबंधों/स्लूस गेटों/नहरों की मरम्मत और बाढ़ निरोधक कार्यों की डीएम प्रणव कुमार ने समीक्षा की। सभी तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंताओं को 15 मई तक तटबंध से संबंधित कटावनिरोधी तथा अन्य कार्यों को हर हाल में तय मानकों के आधार पर पूरा करने को कहा। जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों को भी तटबंधों के निरीक्षण का निर्देश दिया। वहीं बाढ़ से बचाव को लेकर भी संबंधित निर्देश दिए गए।
समीक्षा में विभागों की यह रही स्थिति
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, गंडक नदी : कार्यपालक अभियंता ने बताया कि गंडक नदी का प्रवाह जिले में माधोपुर हजारी से रामदोली तक है। लंबाई 46 किलोमीटर है। तीन परियोजनाएं साहेबगंज अंचल के रूप छपरा तथा हुससेपुर, पारू अंचल के धरफरी व तिरहुत तटबंध तथा कल्याणपुर रिग बांध के टूटे स्थलों की मरम्मत के साथ कटाव निरोधक कार्य किए जा रहे हैं। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बूढ़ी गंडक नदी : कार्यपालक अभियंता ने बताया गया दाएं तटबंध पर डुमरिया, मोरसंडी मठिया, अंजनाकोट, पहाड़चक, दरधा, नेमोपुर से बलुआ, बिदा, नरौली, सलहा, मोहम्मदपुर कोठी, कोठियां पर बाढ़ निरोधक और पुनस्र्थापन का कार्य प्रगति पर है।
बूढ़ी गंडक के बाएं तटबंध पर पानापुर चक्की, बखरी, पिरखपुर, महेशपुर से टेकरी, रामपुर महिनाथ, गुरदयाल, चांद परना, सलेमपुर, बगाही विजय छपरा पर बाढ़ एवं कटाव निरोधक और स्लूस गेट मरम्मत कार्य प्रगति पर है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बागमती, रुनीसैदपुर : कार्यपालक अभियंता ने बताया कि बागमती नदी का प्रभाव जिले के चार प्रखंडों में है। यह कटौंझा पुल से बेनीबाद तक है। बाढ़ निरोधक तीन कार्य आलमपुर, पाकड़ चौक सिमरी तथा बिशुनपुर में प्रगति पर है। बागमती दायां तथा बायां तटबंध के छह किमी के लिए परियोजना स्वीकृत है। भू-अर्जन संबंधी भुगतान लंबित रहने व ग्रामीणों के विरोध के कारण तटबंध का निर्माण नहीं हो पा रहा है। तटबंध के दोनों छोर हेतु 22 किमी बांध निर्माण का डीपीआर बना लिया गया है। विभागीय स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
अधवारा समूह की नदियों-लखनदेई व अन्य पहाड़ी नालों से आने वाली बाढ़ की रोकथाम के लिए जमींदारी बांध पर कटाव निरोधक कार्य संवेदनशील स्थलों पर किया जा रहा है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, जल निस्सरण : सहायक अभियंता ने बताया कि कदाने नदी पर बाढ़ व कटान निरोधक तीन परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। साहेबगंज व पारू के जमींदारी बांधो की मरम्मत के लिए विभाग को डीपीआर भेजा गया है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, यांत्रिक : कार्यपालक अभियंता ने बताया गया कि जिले में प्रवाहित होने वाली सभी नदियों पर कुल 252 स्लूस गेट हैं ।187 गेट सामान्य स्थिति में हैं। 62 गेटों की मरम्मत की जा रही है। छह गेटों पर पुनस्र्थापना संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। सभी कार्य को मई में पूरा कर लिया जाएगा।
नगर निगम : नगर आयुक्त ने कहा कि तीन स्लूस गेट से नगरीय क्षेत्र में एकत्रित होने वाले जल को बूढ़ी गंडक मे डिस्चार्ज किया जाता है। 1 स्लूस गेट पर स्थाई पंप हाउस है। अन्य दो स्लूस गेटों पर जल संसाधन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण बाढ़ अवधि में पंप संचालन में कठिनाई होती है। उनके द्वारा बताया कि विभाग से 38 हार्स पावर के पांच पंप की अधियाचना की गई है। इससे वाटर डिस्चार्ज सुगमता से हो सकेगा। जल जमाव की समस्या का भी निदान होगा।
Input: Dainik Jagran