नई दिल्ली: दिल्ली के ‘बाबा के ढाबा’ (Baba ka dhaba) के बारे में आखिर किसने नहीं सुना होगा. बुजुर्ग दंपति ने बीते 8 महीने में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया और अब वापस जमीन पर आ गए. एक वायरल वीडियो ने ‘बाबा के ढाबा’ के मालिक कांता प्रसाद (Kanta Prasad) की जिंदगी बदल दी थी जो कि मालवीय नगर इलाके में सड़क किनारे अपना ढाबा चलाते हैं. अब इस कहानी में नया मोड़ आ गया है.
‘ऑल इज वेल’
‘बाबा के ढाबा’ को जिस यूट्यूबर गौरव वासन (Gaurav Vasan) ने दुनियाभर में पहचान दिलाई थी अब कांता प्रसाद के साथ उनसे रिश्ते सुधर चुके हैं. गौरव ने बाबा के माफी मांगने के बाद सोमवार को उनके ढाबे पर जाकर कांता प्रसाद से मुलाकात की और कहा कि अब हम दोनों के बीच पहले जैसे संबंध हो गए हैं.
कांता प्रसाद ने इससे पहले एक वीडियो में गौरव वासन से माफी मांगी थी. इस वीडियो में बाबा हाथ जोड़कर खड़े नजर आ रहे हैं. इसे देखने के बाद गौरव वासन उनसे मिलने पहुंचे और उनका हाल जाना. दोनों के बीच आत्मीय मुलाकात के बाद गौरव ने कहा कि गलती करने वाले से बड़ा हमेशा गलती को माफ करने वाला होता है, मेरे माता-पिता ने मुझे यही सीख दी है.
फूट-फूट कर रोए बाबा
गौरव वासन जब सोमवार को बाबा से मिलने उनके ढाबे पर पहुंचे तो कांता प्रसाद की आंखों में आंसुओं का सैलाब आ गया. दोनों ही फूट-फूट कर रोने लगे क्योंकि बाबा को अपनी गलती का अहसास हो चुका था. बाबा ने कहा कि अगर गौरव न होता तो आज मुझे कोई नहीं जानता, इसी ने ही मुझे और मेरे ढाबे को पहचान दिलाई है और मैं इसके लिए जान भी दे सकता हूं. कांता प्रसाद इतने भावुक हो गए कि गौरव के पैर तक पड़ने लगे, इस पर यूट्यूबर ने उन्हें रोकते हुए कहा कि आप मुझसे बड़े हैं और हमेशा से आपका सम्मान करता हूं.
बता दें कि लॉकडाउन लगने के बाद अक्टूबर 2020 में ‘बाबा का ढाबा’ को तब पहचान मिली जब गौरव ने उनके ढाबे का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जो कि जमकर वायरल हो गया. इससे बाद बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए कई लोग आगे आए और बाबा को लाखों रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई गई थी. इसके बाद बाबा ने उस पैसे से अपना एक रेस्टोरेंट भी शुरू किया था.
गौरव पर लगाए थे आरोप
कहानी में नया मोड़ तब आया जब कांता प्रसाद ने गौरव वासन पर ही धोखाधड़ी के आरोप लगा दिए. दोनों के बीच पैसे की हेराफेरी को लेकर खटास पैदा हो गई थी. इतना ही नहीं कांता प्रसाद ने गौरव के खिलाफ थाने में केस दर्ज करा दिया. इसके बाद कांता प्रसाद का रेस्टोरेंट भी चलना बंद हो गया और उन्हें आर्थिक नुकसान होने लगा.