6 वर्षाें तक निर्माण नहीं हाेने के बाद 17 किलाेमीटर हाजीपुर बायपास के विकल्प पर सर्वे शुरू हाे गया है। अब मधाैल से सीधे रामदयालुनगर की ओर  पश्चिम दिशा में एनएच की खाली जमीन पर दायां लेन बनेगा। इस लेन काे समस्तीपुर जानेवाली सड़क से मिला दिया जाएगा। एनएच-28 से इस सड़क काे स्लाेप कर मधाैल की ओर  नीचे किया जाएगा। ताकि, हाजीपुर की ओर  से आने  वाली गाड़ियां सीधे एनएच-28 पर चढ़ कर भगवानपुर की ओर  चली जाएगी। वहीं, मुजफ्फरपुर से हाजीपुर की ओर  जानेवाली गाड़ियां पुरानी सड़क से ही रामदयालुनगर ओवरब्रिज के नीचे से मधाैल हाेते हुए फाेरलेन पर चढ़ेगी। सर्वे का काम पूरा कर NHAI  काे रिपाेर्ट साैंप दी गई है। हालांकि, NHAI  की ओर  से इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। मालूम हाे कि दिसंबर 2018 में पथ निर्माण मंत्री नंद किशाेर यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में अल्टीमेटम िदया गया था कि यदि मुआबजा  काे लेकरकिसान  नहीं मानते हैं ताे बायपास परियाेजना पर NHAI  विकल्प तलाश करेगी। इस बीच सांसद अजय निषाद ने इस परियाेजना काे पूरा करने के लिए लाेकसभा में 377 के तहत सवाल पूछा है। सांसद ने कहा कि अधिकारियाें की लापरवाही के कारण बायपास के साथ-साथ मझाैली-चाेराैत एनएच का निर्माण बाधित है। दरअसल, मुआबजा  दर काे लेकर भू अर्जन में फंसे पेच की वजह से सदातपुर से मधाैल तक करीब 17 किलाेमीटर की दूरी में बायपास का निर्माण 6 वर्षाें से ठप है। 7 माह पूर्व दिसंबर 2018 में पथ निर्माण मंत्री नंद किशाेर यादव की अध्यक्षता में स्थानीय जनप्रतिनिधिमंडल व भू धारियाें की बैठक के बाद मुआबजा  भुगतान काे लेकर काेई कवायद ही नहीं की गई।

परियाेजना काे लेकर NHAI  व जिला भू अर्जन विभाग ने साधी चुप्पी

6 वर्षाें से बंद इस परियाेजना काे लेकर NHAI  तथा जिला भू अर्जन विभाग ने चुप्पी साध रखी है। दरअसल, बगैर पंचाट घाेषित किए बार-बार जमीन का किस्म परिवर्तन कर मुआबजा  दर निर्धारण किए जाने से जहां जिला भू अर्जन विभाग इस मामले में फंसता चला गया, वहीं NHAI  के अधिकारी भी इस मामले में सुस्ती बरतते रहे। कुल 36 गांवाें के किसानाें के लिए NHAI  की ओर  से आवंटित  100 कराेड़ रुपए में से 70 कराेड़ रुपए का ही मुअावजा भुगतान हाे सका है। इसी बीच किसानाें के आंदोलन  के बाद से मुआबजा  भुगतान नहीं हाे रहा है। यह परियाेजना 2010 में शुरू कर 2013 तक पूरी कर लेनी थी।

Input : Dainik Jagran

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