शहर में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही और नगर निगम पानी निकासी का उपाय नहीं खाेज पा रहा। स्थिति यह है कि शहर बारिश के मामले में उत्तर बिहार का चेरापूंजी बनने की ओर है, जबकि जलजमाव में ताे इसके मुकाबले काेई नहीं। बरसात में बारिश व नाले के पानी का तालाब बननेवाली यह स्मार्ट सिटी हर साल अपना ही रिकाॅर्ड ताेड़ती है। यानी नए-नए इलाकाें में जलजमाव का दायरा बढ़ता जाता है। इस वर्ष भी मिठनपुरा चाैक, देवी मंदिर राेड समेत कई महत्वपूर्ण इलाके इसके दायरे में आ गए।
400 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में अधिक बारिश
मौसम विभाग के अनुसार इस माह जिले की भी औसत बारिश के मुकाबले शहरी क्षेत्र में 400 प्रतिशत अधिक बारिश हो रही है। माह के अब तक के 17 दिनों में 14 दिन बारिश हुई है। आगे भी इसके जारी रहने के आसार हैं। अगस्त माह में जिले की औसत बारिश 292 मिलीमीटर है, जबकि इस साल 17 दिन में सिर्फ शहर में रिकॉर्ड 611 मिमी वर्षा हो चुकी है।
पानी निकासी की हर साल अधूरी रह जाती तैयारी
जहां तक चेरापूंजी से तुलना करें ताे मेघालय का वह इलाका देश का सर्वाधिक बारिश वाला शहर है। वहां प्रतिवर्ष औसत 11,872 मिलीमीटर वर्षा होती है। वैसे उसका नाम हाल में साेहरा रख दिया गया है। अपना मुजफ्फरपुर बारिश के मामले में उत्तर बिहार का चेरापूंजी बनने की ओर है। दूसरी तरफ जलजमाव में ताे इस स्मार्ट सिटी का काेई सानी नहीं है। शिलांग से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चेरापूंजी में यहां से करीब 10 गुनी बारिश हाेने के बावजूद इस माैसम में पूरे विश्व से पर्यटक पहुंचते हैं।
लेकिन, मुजफ्फरपुर शहरवासियाें का हाल ये है कि यदि उनके पास उपाय हो तो हर बरसात वे शहर छोड़कर कहीं दूसरी जगह चले जाएं। शहर में बारिश का आंकड़ा वर्ष दर वर्ष बढ़ रहा है, जबकि तैयारी अधूरी रह जाती है। बल्कि, पानी निकासी के रास्ते बढ़ाए जाने के बदले कम हाेते जा रहे हैं। सर्वाधिक बारिश वाले वर्ष 2007 में अगस्त महीने में पूरे जिले में 692.1 एमएम बारिश हुई थी, जबकि इस वर्ष सिर्फ शहर में वाे भी 17 दिनाें में ही 611 एमएम वर्षा हाे चुकी है। वैसे इस साल जिले में अब तक 1163.46 मिलीमीटर बारिश हाे चुकी है।
Input: Dainik Bhaskar