सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी परेशानी दूर हो जाती है. कई लोग सोमवार के दिन व्रत भी रखते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भांग, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाते हैं. ऐसा मान्यता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और बिना बेलपत्र के उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है. आइए जानते हैं बेलपत्र के महत्व के बारे में और क्यों प्रिय है भगवान शिव को बेलपत्र.
बेलपत्र का महत्व
बेल की पत्तियों को बेलपत्र कहते हैं. बेलपत्र में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती हैं लेकिन इसे एक पत्ती गिना जाता है. बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इससे चढ़ाने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. बिना बेलपत्र चढ़ाएं भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती हैं.
बेलपत्र चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान
लपत्र में एक साथ तीन पत्तियां जुड़ी होनी चाहिए. अगर बेलपत्र में दो या एक पत्ती है तो उसे बेलपत्र नहीं माना जाता है.
पत्तियां कहीं से टूटी – कटी नहीं होनी चाहिए. कोई भी पत्ते में छेद नहीं होना चाहिए.
भगवान को चिकनी तरफ से बेलपत्र चढ़ाएं और जल की धारा जरूर चढ़ाएं.
बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए.
बेलपत्र चढ़ाने से बिगड़े काम
कई बार बिगड़ते काम को बनाने के लिए भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से सभी परेशानियां ठीक हो जाती है.
कई बार न चाहते हुए शादी में परेशानी होने लगती है. इसके पीछे कई भी कारण हो सकता है. आप बेलपत्र का उपयोग कर इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं. आइए जानते हैं बेलपत्र का इस्तेमाल कर समय पर विवाह होगा
आपको 108 बेलपत्रों पर चंदन से राम लिखना होगा. इसके अलावा आप शिवलिंग पर ऊं नम: शिवाय कहते हुए बेलपत्र चढ़ाएं.
अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो 108 बेलपत्रों को चंदन के इत्र में डूबाते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं. आप इसके मंत्र जाप कर स्वस्थ होने की प्रार्थना करें.
Source : TV9