12 हजार फीट रनवे की लंबाई होने पर ही बाेइंग 747, 777, 787 और एयरबस 380 का ऑपरेशन हो सकेगा।
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बिहटा एयरपोर्ट का विकास जिस मास्टर प्लान के तहत होना है, उसके लिए करीब 200 एकड़ और जमीन की जरूरत है। 12 हजार लंबे रनवे के लिए 191.5 एकड़ और सिटी साइड के लिए 8 एकड़ जमीन चाहिए। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस बाबत बिहार सरकार के सिविल एविएशन के प्रधान सचिव सह मुख्य सचिव दीपक प्रसाद को 8 नवंबर को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि मास्टर प्लान के तहत बिहटा एयरपोर्ट पर 12 हजार फीट रनवे के साथ ही इसके समानांतर टैक्सी ट्रैक, आइसोलेशन वे, कैट थ्री के लिए अप्रोचिंग लैंडिंग सिस्टम का निर्माण होना है।

12 हजार फीट रनवे की लंबाई होने पर ही बाेइंग 747, 777, 787 अाैर एयरबस 380 का ऑपरेशन हो सकेगा। फिलहाल यहां रनवे की लंबाई 8200 फीट ही है, जो बड़े विमानों के परिचालन के लिए पर्याप्त नहीं है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नए चेयरमैन अरविंद सिंह दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार रात पटना आ गए। शुक्रवार और शनिवार को वह पटना, बिहटा, दरभंगा, पूर्णिया व गया एयरपोर्ट के विकास व चल रहे निर्माण को लेकर वे मुख्य सचिव के साथ बैठक करेंगे। पटना एयरपोर्ट के निदेशक भूपेश नेगी भी बैठक में रहेंगे।
बिहार सरकार ने नए टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए 108 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर एयरपोर्ट को दे दी है। एयरपोर्ट की चहारदीवारी का काम खत्म हो गया है। नई टर्मिनल बिल्डिंग का टेंडर अभी नहीं हुआ है। इसका इस्टिमेट बनाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अगले माह नए टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए टेंडर हो जाने की उम्मीद है।
बिहटा एयरपोर्ट से सटे शर्फुद्दीरपुर पंचायत के कई गांव हैं। यहां के ग्रामीणों व किसानों को इस बात की जानकारी मिल गई है कि इस एयरपोर्ट को अभी करीब 200 एकड़ और जमीन की जरूरत है। इससे वहां के लोगों में हड़कंप मचा है। उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि सरकार कहीं उनके मकान, जमीन, खेत व अन्य खाली पड़ी जमीन अधिग्रहित कर एयरपोर्ट को न दे दे।
Input : Live Bihar