अमेरिका में रहने वाले एनआरआइ की शिकायत पर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की विशेष टीम ने एक लाख से अधिक कीमत पर ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सोमवार की देर रात तक चली छापेमारी में कुल नौ अपराधियों को पकड़ा गया है। मामले का मुख्य अभियुक्त युवक हर्ष राज है, जो राजधानी के इंद्रपुरी रोड नंबर 10 में रहता है। उसके पिता का नाम सुशील वर्मा है। वह मोतिहारी के शांतिपुरी गांव का मूल निवासी है। पुलिस ने उसके पास से ऑक्सीजन सिलेंडर भी जब्त किए हैं। इस मामले में राजीवनगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है।

आरोपित से पूछताछ के क्रम में उसके अन्य साथियों का पता चला जिसके बाद विशेष टीम ने शास्त्रीनगर, राजीवनगर व पटेलनगर में छापेमारी कर उसके आठ अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक स्विफ्ट कार भी मिली है। गिरफ्तार आरोपितों में गौरीशंकर बाढ़ के नदमा जबकि रवि नवादा के बालगंगा का मूल निवासी है, जबकि राहुल कुमार शास्त्रीनगर का रहने वाला है। इन सभी की उम्र 19-20 साल के बीच है। सभी ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में शामिल थे।

दरअसल, अमेरिका में रहने वाले एनआरआइ के स्वजन पटना के राजीवनगर में रहते हैं। पिछले दिनों कोरोना संक्रमित होने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी और घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत हुई। एनआरआइ ने इंटरनेट मीडिया और अन्य स्रोत से मदद मांगी तो हर्ष राज का नंबर मिला। उसने रेगुलेटर के साथ जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 1.10 लाख रुपये की मांग की। उसने रुपये ट्रांसफर करने के लिए अपना बैंक ऑफ बड़ौदा का खाता संख्या भी दिया। एनआरआइ ने दिए गए बैंक खाते पर एक लाख 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए और सिलेंडर ले लिया। बाद में एनआरआइ ने इंटरनेट की मदद से ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान का मोबाइल नंबर निकाला और उन्हें शिकायत की। उसने आरोपित हर्ष के साथ हुई वाट्सएप चैटिंग और बैंक अकाउंट डिटेल आदि भी शेयर किए।

ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी की शिकायत और इससे जुड़े सबूत मिलने के बाद ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने डीएसपी भास्कर रंजन और रजनीश कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई। टीम के सदस्यों ने हर्ष को ग्राहक बनकर फोन किया मगर शायद उसे शक हो गया जिसके बाद उसने ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने की बात से इन्कार कर दिया। इसके बाद ईओयू की टीम ने महिला पुलिसकर्मी की मदद ली और दोबारा उसे दूसरे नंबर से फोन किया। इस बार हर्ष जाल में फंस गया। उसने सिलेंडर के बदले 15 हजार रुपये की राशि एडवांस अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा। बाकी 90 हजार रुपये कैश डिलीवरी के समय देने की बात तय हुई। सिलेंडर के लिए उसने दीघा-आशियाना रोड पर बुलाया। ईओयू की टीम तैयार थी जैसे ही हर्ष ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आया, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह जिस ई-रिक्शा से सिलेंडर की डिलीवरी करने पहुंचा था, उसे भी जब्त कर लिया गया है।

हर्ष और उसके साथी ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी से मोटी कमाई कर रहे थे। गिरफ्तारी के बाद उसके पास से बरामद बैंक अकाउंट खंगाला गया तो पाया गया कि पिछले छह दिनों में इसमें नौ लाख रुपये जमा किए गए हैं। पुलिस को शक है कि इसके अलावा उसने लाखों रुपये नकद भी वसूले होंगे। पुलिस ब्लैक में ऑक्सीजन सिलेंडर लेने वाले पीडि़त परिवारों से भी संपर्क कर जानकारी जुटा रही है। ईओयू के अधिकारियों के अनुसार, पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द वसूली गई राशि लौटाने का प्रयास किया जाएगा।

Input: Dainik Jagran

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