सच कहा गया है कि आत्मबल से हर वो कार्य पूरा किया जा सकता है जो असंभव दिखता है. ऐसा ही हुआ है बांका जिला के कटोरिया स्थित बाजार के सीताराम साह के घर में जहाँ बुजुर्ग दम्पति ने कोरोना को मात देकर सही साबित किया है. कोरोना महामारी भयानक रूप धारण कर लिया है और इसकी चपेट कौन कब आएगा कुछ नहीं कहा जा सकता. कोरोना के इस दूसरे लहर में बहुत सारे लोगों की मौत के आंकड़े हमें डरा रहे हैं. इसमें वृद्ध से लेकर जवान भी शामिल हैं. हालांकि कई ऐसे उदाहरण भी जिसमें कई बुजुर्ग लोगों ने कोरोना को परास्त कर फिर स्वस्थ हो गए हैं. वृद्ध दम्पति 82 वर्षीय सीताराम साह और उनकी 75 वर्षीय पत्नी सुमित्रा देवी ने कोरोना को संयम और दवाई के उचित संयोजन से कोरोना को मात देकर बहुतों को सुकून दिया है.

इस महामारी के दौर में लोगों के मौत की सूचना से लोगो में नकारात्मक भाव उत्पन्न होने लगा है वैसे दौर में बुजुर्ग दम्पति की खबर लोगों को चौंका रही है. यही नहीं अपने दादा-दादी की सेवा करने में सॉफ्ट इंजीनियर पोता भी कोरोना संक्रमित हो गया था।लेकिन बुजुर्ग दादा दादी के साथ ही पोते ने काफी हिम्मत से काम लेते हुए सतर्कता और स्वच्छता की बदौलत कोरोना को मात देने में कामयाब हुए.

दरअसल बुजुर्ग सीताराम साह की स्थिति शुरुआती दौर में काफी बिगड़ गयी थी, जिसके चलते उनको ऑक्सीजन तक लेना पड़ा था. बावजूद वे हिम्मत नहीं हारे. पत्नी और पोता सहित तीनों ने मिलकर कोरोना को परास्त कर दिया. बुजुर्ग सुमित्रा देवी ने बताया कि कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद भी परिवार के लोगों ने हौसला बढ़ाया और सभी ने कोरोना को हराया.

बुजुर्ग दम्पति के पोता अभिषेक की मानें तो इस महामारी से पार पाने के लिये सबसे बड़ा इलाज अपने आत्मबल को बनाये रखने के साथ ही दवा और योग काफी लाभदायक सिद्ध हो रहा है. यह तीन चीजों का उचित संयोजन और संयम धारन करना हमारे परिवार के लिये फलदायक साबित हुआ.

Input: News18

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