राज्य में हर तरह की इमजरजेंसी के लिए जल्द ही एक नंबर 112 होगा। इसके लिए इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) लांच किया जाएगा। गृह विभाग ने इस दिशा में सिस्टम तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इसके तहत 400 गाडिय़ां खरीदी गई हैं, जो इमरजेंसी नंबर पर काल किए जाने पर स्पाट पर पहुंचने और गश्ती के काम आएंगी। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार, इस साल दिसंबर माह में इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम को लांच करने की तैयारी है।

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अभी अलग-अलग इमरजेंसी नंबर

दरअसल, राज्य में अभी अलग-अलग इमरजेंसी सेवाओं के लिए अलग-अलग नंबर हैं। पुलिस के लिए 100, फायर ब्रिगेड के लिए 101 और एंबुलेंस के लिए 102 इमरजेंसी नंबर डायल करना होता है। नया सिस्टम लांच होने के बाद इमरजेंसी सेवा के लिए एक ही नंबर 112 डायल करना होगा। ईआरएसएस योजना को यूं तो राज्य भर में लागू करना है, मगर पहले चरण में पटना समेत 10 जिलों से इसकी शुरुआत करने का लक्ष्य है। इसके बाद धीरे-धीरे सभी 38 जिलों में इसका विस्तार होगा।

कंट्रोल रूम का हो रहा है निर्माण

राजधानी के राजवंशीनगर स्थित बिहार पुलिस रेडियो मुख्यालय में इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम का कंट्रोल रूम तैयार किया जा रहा है। सिस्टम लांच होने के बाद साल के 365 दिन, 24 घंटे यह एक्टिव रहेगा। राज्य में कहीं से भी काल किए जाने पर कंट्रोल रूम के कर्मी इसे जरूरत के हिसाब से पुलिस, अस्पताल या फायर ब्रिगेड को ट्रांसफर कर देंगे।

42 करोड़ रुपये से हुई खरीद

इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए 176.22 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें 10.80 करोड़ रुपये केंद्रीय अंशदान के रूप में मिल गया है, जबकि शेष 165.42 करोड़ की राशि राज्य सरकार का हिस्सा है। इसी के अंतर्गत गृह विभाग ने 42 करोड़ रुपये की राशि विमुक्त की है। इससे इमरजेंसी सेवा के लिए जरूरी चारपहिया वाहन की खरीद की गई है।

Source : Dainik Jagran

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