कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा किनारे विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न घाटों पर बैरिकेडिंग की है। उन घाटों पर काफी संख्या में वाच टावर भी लगाये गए हैं। उन पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है।

दीघा घाट, बांस घाट, कलेक्ट्रेट घाटन आदि घाटों पर सोमवार को शाम तक लाइटिंग और अन्य व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने का काम चलता रहा। वहीं उन घाटों पर एक दिन पहले हीं श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पटना में स्नान-दान का सिलसिला सुबह चार बजे से देर शाम तक जारी रहेगा। गंगा स्न्नान करने के लिए राज्य भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान-दान के लिए यहां पहुंचते हैं। इसी को देखते हुए इस बार भी छठ महापर्व संपन्न होने के बाद से ही कार्तिक पूर्णिमा मेले व पवित्र स्नान की तैयारियां शुरू कर दी गई थी।

फायर ब्रिगेड यूनिट तैनात
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान को लेकर गंगा घाटों पर विशेष तैयारी की गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पटना सिटी, महेंद्रु, जिला नियंत्रण कक्ष, कलेक्ट्रेट घाट, दीघा गेट नंबर-93 घाट, दानापुर एवं अन्य  अत्यधिक भीड़ वाले घाटों पर फायर ब्रिगेड यूनिट की व्यवस्था रहेगी। एक-एक यूनिट जिला नियंत्रण कक्ष, पटना एवं पटना सिटी  नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त की गई है। सभी घाटों पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावे उनके पहुंच पथों के साथ-साथ मुख्य पथों पर भी रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

नावों के अवैध परिचालन को किया गया प्रतिबंधित 
डीएम ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश देकर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मोटर वोट-नाव के अवैध परिचालन पर रोक लगाने को कहा।  कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर लाखों की संख्या में लोग नदी में स्नान करने आते हैं। ऐसी स्थिति में उनकी सुरक्षा तथा विधि-व्यवस्था को देखते हुए मोटर बोट एवं अन्य नाव के अवैध परिचालन पर रोक लगायी गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ, घाटों पर तैराक एवं गोताखोरों की प्रतिनियुक्त की गई है।

सोमवार से हीं जुटने लगी श्रद्धालुओं भीड़
कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर राजधानी के विभिन्न घाटों पर सोमवार से हीं श्रद्धालु जुटने लगे।  सोमवार को रात होते-होते श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटने लगी।  राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं से ट्रेन और बसें भरी रही।

यह है कार्तिक पूर्णिमा की कहानी
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुर राक्षस का वध किया था। असल में त्रिपुर ने एक लाख वर्ष तक तीर्थराज प्रयाग में भारी तपस्या की। अप्सराओं के जाल में भी त्रिपुर नहीं फंसा। ब्रह्मा जी ने वरदान मांगने को कहा तो उसने मनुष्य और देवता के हाथों न मारे जाने का वरदान प्राप्त किया। शिवजी ने ब्रह्माजी और विष्णुजी की सहायता से त्रिपुर का वध किया। कार्तिक पूर्णिमा इस बार 12 नवंबर यानी मंगलवार को है। कहा जाता कि इस दिन भगवान विष्णु ने पहला अवतार लिया था। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप भी धुल जाते हैं। इस दिन व्रत रखने से विशेष फल मिलता है। साथ ही ब्राह्मणों को दान भी देना चाहिए।

Input : Hindustan

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