बिहार का एक गांव ऐसा है, जहां हर घर में ‘अमिताभ बच्चन’ बसते हैं। किसी की लंबाई छह तो किसी की सात फीट है। ऐसी लोगों की संख्या डेढ़ सौ से अधिक है। कद की वजह से आसपास के ग्रामीण इसे ‘बिग बी’ के गांव के नाम से बुलाते हैं। लोग इसे लंबुओं का गांव भी कहते हैं।
#AD
#AD
लंबुओं के गांव के नाम से मशहूर
यह गांव है पश्चिम चंपारण के लौरिया प्रखंड की मरहिया पकड़ी पंचायत का मरहिया गांव। इस गांव में लड़कों की औसत लंबाई 6.5 फीट तो लड़कियों की औसत लंबाई भी 5.8 फीट है। दर्जनों की लंबाई सात फीट से अधिक है। यही वजह है कि यह लंबुओं के गांव के नाम से मशहूर है।
इस गांव में रहते 200 परिवार
मरहिया में 200 परिवार रहते हैं। इनमें एक ही जाति के 30 परिवार हैं। गांव की आबादी 600 है। गांव के 40 वर्षीय संतोष सिंह की लंबाई 7.2 फीट है। उनका कहना है कि उनके पिता और दादा भी लंबे थे। बच्चों की लंबाई भी छह फीट से अधिक है। संतोष की पुत्री मधु देवी की लंबाई 5.8 फीट है। गांव में 30 पुरुष 6.8 फीट से लेकर 7.2 फीट तक के हैं। यहां 6.2 फीट के 20 पुरुष हैं। जबकि, छह 6.5 फीट के 25 पुरुष हैं। गांव के अन्य लोगों की औसत लंबाई भी छह फीट के आसपास है।
सेना में भर्ती हो देशसेवा करना चाहते युवा
यहां के युवा सेना में भर्ती होकर देशसेवा करना चाहते हैं। इसके लिए वे तैयारी कर रहे हैं। पंचायत के मुखिया मो. सगीर ने बताया कि गांव के सात लोग थलसेना, चार एसएसबी, छह सीआरपीएफ एवं दो नौसेना में सेवाएं दे भी रहे हैं।
मौर्य काल में अस्तित्व में आया गांव
मरहिया गांव का इतिहास प्राचीन है। कहते हैं कि यह मौर्य काल में बसा था। यहां उस काल का एक टीला भी है। मरहिया पकड़ी पंचायत में ही ऐतिहासिक स्थल नंदनगढ़ है। बुजुर्ग सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि 1884 केआसपास बेतिया महाराजा हरेंद्र किशोर सिंह पालकी से जा रहे थे, तभी एक हाथी ने हमला बोल दिया था। ध्रुव नारायण सिंह ने तलवार से हाथी के सूंड को काट डाला था। प्रसन्न होकर राजा ने 150 बीघा जमीन मरहिया में उन्हें इनाम में दिया था। तब यह परिवार यहीं बस गया था।
लंबाई के लिए ये कारक हैं जिम्मेदार
गांव के अधिकांश लोगों के लंबे होने की बाबत चिकित्सक डॉ. मोहनिश सिन्हा ने बताया कि किसी व्यक्ति के लंबे होने के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं। इनमें अनुवांशिकी की भूमिका 60 से 80 फीसद तक होती है। इसके अलावा संतुलित आहार, जलवायु एवं हार्मोंस का भी असर पड़ता है। डॉ. अमिताभ चौधरी कहते हैं कि बिहार के लोगों की औसत लंबाई पांच फीट दो इंच से पांच फीट छह इंच ही है।