पटना/केरल : बिहार में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. और, अगर बात बिहार की बेटियों की करें तो उनमें भी टैलेंट कूट-कूटकर भरा है. बिहार की 26 साल की रोमिया काथुर ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. रोमिया काथुर ने मलयालम भाषा में आयोजित साक्षरता परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया है. दरअसल, केरल में प्रवासी मजदूरों को मलयालम सिखाने के लिए साक्षरता परीक्षा आयोजित की जाती है. बिहार के एक अंजान गांव से आयी रोमिया काथुर ने परीक्षा में पूरे सौ नंबर लाकर पहला स्थान हासिल किया है. परीक्षा केरल राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण आयोजित करता है.
6 साल पहले पति के साथ आयी केरल
मलयालम भाषा में टॉप करने वाली रोमिया काथुर छह साल पहले पति सैफुद्दीन के साथ केरल आयी थी. जूस की दुकान चलाने वाली तीन बच्चों की मां काथुर परिवार चलाने में पति की मदद करती हैं. तीन महीने पहले उन्होंने परीक्षा दी थी. साक्षरता परीक्षा में 1998 प्रवासी मजदूरों ने हिस्सा लिया था. ‘चांगति’ योजना के तहत होने वाली परीक्षा का मकसद प्रवासी मजदूरों को चार महीने में मलयालम भाषा को सिखाना है. इसी परीक्षा में शामिल होते हुए बिहार की बेटी रोमिया काथुर ने टॉप करके देशभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा है.
घर जाकर रोमिया काथुर को दी बधाई
केरल राज्य साक्षरता मिशन के अधिकारियों ने बताया कि ‘चांगति’ योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2017 में एर्नाकुलम जिले के पेरंबुवुर से हुई. यहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बसे हुए हैं. योजना के दो चरणों में करीब 3700 प्रवासी मजदूर पास हो चुके हैं. इस बार आयोजित परीक्षा में रोमिया काथुर ने टॉप स्थान हासिल किया है. अधिकारियों ने घर जाकर उसकी अनूठी उपलब्धि पर बधाई दी. काथुर ने बताया कि परीक्षा में ‘हमारी मलयालम’ किताब से काफी मदद मिली. फिलहाल अनूठी सफलता पर रोमिया को लगातार बधाईयां मिल रही है.
Input : Parbhat Khabar