बदलते वक्त के साथ दुनिया भी बदल रही हैं, कभी घर और रसोई तक सिमटी महिलाएं अपनी मेहनत, लगन और निष्ठा के बल पर हर कठिन क्षेत्र में खुद को बेहतर साबित कर रही हैं।
ऐसी ही महिलाओं मे से एक हैं दरभंगा बिहार की भावना कंठ। भावना हर उन तमाम महिलाओं की ताकत को पंख दे रही हैं जो अपने जीवन में कुछ शानदार करने का हौसला रखती हैं।
भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी के बाद अब दरभंगा की बेटी भावना कंठ अकेले लड़ाकू विमान उड़ानें वाली और पहली महिला फाइटर पायलट बन गई है। बताते चलें कि भावना ने यह उड़ान सेना के फाइटर प्लेन मिग-21 बाइसन में अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से भरी।
मालूम हो कि दिन के वक्त होने वाली युद्ध में वो विमान उड़ानें को पूरी तरह से तैयार हैं। वहीं रात के समय फाइटर पायलट के तौर पर उनकी ट्रेनिंग अभी नहीं हुई है। बताते चलें कि भावना अभी राजस्थान के पास नाल में एयरफोर्स के फ्रंट लाइन बेस में तैनात हैं जो 3-स्कवाॅर्डन का हिस्सा है। मिग-21 बाइसन की पायलट पायलट है जो दुनिया की सबसे तेज लैंडिंग और टेकऑफ़ के लिए जाना जाता है।
फाइटर पायलट बनने के लिए पहले लड़ाकू विमान को उड़ानें के लिए तैयार किया जाता है। जहां ये ट्रेनिंग दी जाती है कि युद्ध होने की स्थिति में कैसे लड़ाकू विमान का इस्तेमाल करना है। प्रशिक्षण में पहले दिन के वक्त लड़ाकू विमान के साथ युद्ध लड़ने के लिए ट्रेनिंग होती है। मालूम हो कि भावना दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव की बेटी है। इससे पहले भी मार्च 2018 में फाइटर प्लेन मिग-21 उड़ाकर इतिहास रच दिया
मिग-21(MIG-21) भारतीय वायुसेना का सबसे पुराना फाइटर प्लेन है। इस विमान को 1964 में पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। जिसके बाद लगातार इसे आधुनिक तकनीकों से अपग्रेड किया जाता रहा है। बता दें कि यह इंडियन एयरफोर्स की धरोहर हैं। भावना की इस उपलब्धि पर पूरे मिथिलांचल के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं।
देश में पहली बार फाइटर प्लेनों की कमान महिला पायलटों के हाथों में है। इन महिला पायलटों में से भावना कंठ की उपलब्धि पर बिहार और मिथिला क्षेत्र गौरवान्वित हैं, छोटी जगह से आने वाली एक साधारण सी लड़की भावना ने इस स्थान का नाम विश्व पटल पर उभारा है। यह भावना की कड़ी मेहनत और बुलंद हौसले का परिणाम है, जो अन्य लडकियों के लिए भी प्रेरणा का श्रोत हैं।
Input : Prabha Sakshi