पटना. ‘जब मुझे मुझे आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के डायरेक्टर का फोन आया और उन्होंने बधाई दी कि आपने गेट की परीक्षा टॉप की है तब मुझे विश्वास ही नही हुआ. मैं तकरीबन 2 मिनट तक कुछ बोल ही नहीं पाया. फिर उन्होंने कहा कि आधे घंटे के बाद ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) का रिजल्ट जारी होगा, उसमें अपना नाम देख लेना. थोड़ी देर के बाद जब रिजल्ट आया तो मैंने देखा कि गेट की ऑल इंडिया इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मेरा पहला स्थान था, तब मुझे विश्वास हुआ”. यह बातें गेट की परीक्षा में आॅल इंडिया टॉप करने वाले छात्र आभाष राय ने कही.

NIT पटना के आभाष बने GATE के ऑल इंडिया टॉपर, पहले ही प्रयास में पाई सफलता

मैंने खुद से रिजल्ट देखा तब विश्वास हुआ

एनआईटी पटना में फोर्थ ईयर के छात्र आभाष ने बताया कि पहले तो विश्वास नहीं हुआ कि उन्होंने इस परीक्षा में टॉप किया है. आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर ने विश्वास दिलाया लेकिन उन्होंने अपनी आंखों से जब तक रिजल्ट नहीं देख लिया तबतक उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उन्होंने टॉप किया है. पटना एनआईटी की फोर्थ ईयर के छात्र आभाष एनआईटी पटना के ब्रह्मपुत्र हॉस्टल में रहते हैं. टॉप होने की जानकारी जब उनके साथ रहने वाले छात्रों को मिली तो उन्होंने जमकर खुशियां मनाई.

पहले ही प्रयास में किया टॉप

पहली बार में ही पहली रैंक प्राप्त करने पर खुशी जाहिर करते हुए आभाष ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वे टॉप 20 या टॉप 10 में होंगे लेकिन॒ रिजल्ट इतना बेहतर होगा यह उम्मीद नहीं थी. बता दें कि इस बार गेट की परीक्षा को आईआईटी दिल्ली ने ऑर्गनाइज किया था, जिसमें अलग अलग ब्रांच का परीक्षा लिया गया. आभाष राय ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में आॅल इंडिया टॉप किया है. आभाष ने ये सफलता अपने पहले ही प्रयास में पाई है.

एनआईटी पटना के फोर्थ ईयर के छात्र हैं आभाष

आभाष राय उत्तर प्रदेश बलिया के नारायणपुर के रहने वाले हैं. इनके पिता भूपेंद्र नाथ राय एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ. आभाष ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई नारायणपुर बलिया में की है. उसके बाद इनकी मां इनके भाई आलोक राय और इन्हें लेकर पटना चली आई और मां ने ही दोनों भाइयों को पढ़ाया. पटना से इन्होंने दसवीं के बाद की पढ़ाई पूरी की. आभाष एनआईटी पटना से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में सत्र 2016—2020 के छात्र हैं.

पिता बलिया में करते है किसानी

आभाष राय ने बताया कि उन्होंने गेट की परीक्षा की सफलता के लिए प्रतिदिन 6—8 घंटे तक की पढ़ाई की है. गेट की परीक्षा में पास करना और बेहतर रैंक लाना उनके लिए काफी जरूरी था क्योंकि वह एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते हैं. पिता भूपेंद्र नाथ राय बलिया में रहकर खेती-बारी करते थे और इनकी पढ़ाई का खर्च वहां से भेजते थे. गेट में टॉप करने के बाद आभाष चाहते हैं कि उनका प्लेसमेंट किसी गवर्नमेंट सेक्टर के किसी अच्छे कंपनी में हो जाए.

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