मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर बालिका गृह केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सरकारी अधिकारियों और निजी लोगों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. साथ ही पत्र में कई संस्थाओ को बैन करने की भी बात कहीं गई है.

इसके बाद से लगभग ये तय है कि बिहार के 25 जिलाधिकारी और 46 अन्य सरकारी अफसरों पर गाज गिरने वाली है. यहीं नहीं 52 निजी लोग पर भी सरकार के डंडे चलेगें.

बता दें कि सीबीआई 17 शेल्टर होम में बच्चों से यौन शोषण और प्रताड़ना के मामले में में जांच कर रहीं है और जांच अंतिम चरण में है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों की घोर लापरवाही को उजागर किया गया है. सीबीआई ने इसके साथ ही प्रदेश के 52 निजी व्यक्तियों व एनजीओ (NGO) को भी तत्काल प्रभाव से ब्लैक लिस्ट कर एनजीओ का रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने की अनुशंसा की है.

 

सीबीआई ने यह जानकारी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर अपने हलफनामे में दी है. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने सभी 17 शेल्टर होम की जांच पूरी कर ली है. इस संदर्भ में संबंधित अदालतों में रिपोर्ट दायर की जा चुकी है.

बिहार के किस क्षेत्र के कितने अधिकारियों पर गिरेगी गाज-

  • चिल्ड्रन होम फॉर ब्वायज, गया- 2 डीएम, 1 सरकारी अधिकारी और 13 चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के सदस्य व प्राइवेट व्यक्तियों को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश.
  • चिल्ड्रन होम फॉर ब्वायज, भागलपुर- 2 डीएम, 3 सरकारी अधिकारी और 6 प्राइवेट व्यक्ति ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश
  • शार्ट स्टे होम, मुंगेर- यहां पर अधिकारियों को इंस्पेक्शन के संबंध में विशेष निर्देश दिए जाने की जरूरत है.
  • चिल्ड्रन होम फॉर ब्वायज, मुंगेर-1 डीएम और 2 प्राइवेट लोगों को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश.
  • शार्ट स्टे होम, पटना-1 डीएम, 2 सरकारी अधिकारी और 3 संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश.
  • कौशल कुटीर, पटना- एक सरकारी अधिकारी.
  • चिल्ड्रन होम फॉर ब्वायज, मोतीहारी- 2 डीएम.
  • शार्ट स्टे होम, मोतीहारी- 5 डीएम, 5 सरकारी अधिकार और 1 एनजीओ सखी को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश.
  • शार्ट स्टे होम, कैमूर- 7 डीएम, 11 सरकारी अधिकारी और 1 ब्लैक लिस्ट की सिफारिश.
  • शार्ट स्टे होम, मधेपुरा- 1 डीएम और 5 सरकारी अधिकारी.
  • आब्जर्वेशन होम, अररिया- 1 डीएम और 5 सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश हुई है.

वे 4 शेल्टर होम, जिनमें सबूत न मिलने पर केस तो दर्ज नहीं किया गया, मगर कार्रवाई की अनुशंसा की सीबीआई ने किया है. वह इस प्रकार है-

  • स्पेशलाइज्ड अडोप्शन एजेंसी, मधुबनी- 2 डीएम, 5 सरकारी अधिकारी पर कार्रवाई की सिफारिश.
  • स्पेशलाइज्ड अडोप्शन एजेंसी, पटना- 1 डीएम, 5 अधिकारी पर कार्रवाई की अनुशंसा.
  • स्पेशलाइल्ड अडोप्शन एजेंसी, कैमूर- 3 सरकारी अधिकारी और 13 संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश.
  • सेवा कुटीर, गया- 4 संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश.

Input : Zee Hindustan

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