बांका. अपनी उपेक्षा से नाराज होकर ग्रामीणों ने अब नेताओं की गांव में नो एंट्री देने का फैसला ले लिया है. आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Chunav) को लेकर नाराज ग्रामीणों ने नेताओं को गांव में नहीं घुसने देने की बात कह रहे हैं. बात हो रही है नक्सल प्रभावित कटोरिया विधानसभा क्षेत्र के करीब आधे दर्जन गांव के लोगों की. इस बाबत पिछले दिनों ग्रामीणों द्वारा कड़वामारनी में कई गांव के लोगों ने बैठक कर फैसला किया है. कटोरिया प्रखंड के घोड़मारा पंचायत के कड़वा मारनी, तरगच्छा,लीलावरण सहित कुछ गांव तक पहुंचने के लिए आज तक ना पक्की सड़क का निर्माण किया गया है और ना ही रास्ते में पड़ने वाली नदी में पुल बनाया गया है. अपनी उपेक्षा से इस इलाके के ग्रामीण काफी नाराज हैं.

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लोगो की मानें तो पक्की सड़क के बाद पड़ने वाले पथरीले और कंकड से भरे मार्ग में अपनी मेहनत से सड़क बनाकर गांव तक पहुंचने की कोशिश होती है. साथ ही कड़वामारनी नदी पर पिछले आठ वर्षों से पुल का मात्र फाउंडेशन नजर आता है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुल योजना के तहत पुल निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन बाद में निर्माण कार्य बंद कर संवेदक फरार हो गया. अब विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

ग्रामीणों का आरोप

अपनी समस्या को लेकर ग्रामीण हर चुनाव के वक्त नेताओं को अपनी समस्या से रूबरू करते रहे हैं लेकिन हमेशा आश्वासन की घुट्टी से संतुष्ट किया जाता रहा है. ग्रामीणों की भी सब्र की सीमा बीते लोकसभा चुनाव के समय ही टूट चुकी थी, लेकिन प्रशासन के आश्वासन के बाद उस समय मामला शांत हुआ. फिलहाल आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के साथ ही उम्मीदवारों का विरोध करने का फैसला ले लिया है. यही नहीं ग्रामीणों ने पिछले दिनों बैठक कर चुनाव के दौरान वोट मांगने वाले नेताओं की गांव में नो इंट्री का फैसला कर लिया है. यहीं नहीं दो सप्ताह पूर्व क्षेत्रीय सांसद गिरधारी यादव भी प्रभावित गांव कड़वामारनी पहुंच कर प्रभावित लोगों की समस्याओं के समाधान की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि आगामी कुछ दिनों में संबंधित पदाधिकारियों से जानकारी लेकर पुल और सड़क बनवाने की बात कही है.

Source : News18

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