जब कोई सैनिक देश की सेवा करते हुए शहीद होता है तो वह केवल अपने परिवार का नहीं रह जाता, वह पूरे देश का वीर पुत्र हो जाता है। बिहार के सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर के रहने वाले सैनिक संजीव कुमार जम्मू-कश्मीर राज्य में आतंकवादियों के गोली लगने से शहीद हो गए थे । लेकिन देश के इस शहीद पुत्र को वह इज्जत नहीं मिला जो मिलना चाहिए था । बिहार एक ऐसा राज्य है जहां के वीर पुत्र हर साल देश के दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद होते रहे हैं ।

सहरसा जिले के इस शहीद पुत्र को श्रद्धांजलि देने के लिए सहरसा जिले के तत्कालिन जिला अधिकारी विनाेद सिंह गुंजियाल समेत कई नेताओं ने उनकी मूर्ति बनाने का आश्वासन गांव वालों को दिया था । लेकिन आलम यह है कि आज पूरे 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस शहीद बेटे की मूर्ति नहीं बन पाई है । जो कहीं न कहीं इस शहीद बेटे का अपमान है । इसके बाद परिजनों ने अपनी जमा की गई पूंजी से 8 लाख की लागत से इसी साल इस शहीद बेटे की मूर्ति बनाकर उसे सच्ची श्रद्धांजलि दे दी ।

सांकेतिक तस्वीर

परिजनों का कहना है कि इस प्रतिमा को देखकर यहां के युवाओं में देश सेवा का जज्बा उत्पन्न होगा और वे देश की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहेंगे । शहीद के पिता विलास यादव ने प्रतिमा के अनावरण के मौके पर कहा कि हम अपने दूसरे बेटे को भी देश की सेवा के लिए बार्डर पर भेजेंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल हुए गांव के मुखिया ने कहा कि शहीद के पत्नी को सरकारी नौकरी मिलना चाहिए ताकि वे उम्र के इस पड़ाव में सुखी पूर्वक अपना जीवन यापन कर सकें ।

Input:Live Bihar

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