कोरोना संकट की महामारी के बीच देश भर से प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं. सरकार की ओर से रेलवे का परिचालन शुरू किये जाने के बावजूद भी लोग पैदल, साईकिल या ट्रक से अपने घर लौट रहे हैं. ऐसे में कई हादसे हुए, जिसमें दर्जनों मजदूरों की मौत हो गई. बिहार सरकार की ओर से मजदूरों से एक ख़ास अपील की गई है. सरकार ने कहा है कि बिहार के लिए 1000 और ट्रेनें चलेंगी, किसी भी व्यक्ति को पैदल, साइकिल या ट्रक से सफर करने जरूरत नहीं है.

Covid-19 lockdown: Migrants in Gujarat pay Rs 700 for train ticket ...

बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है कि बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने लगी हैं. 1000 और ट्रेनें चलायी जाने वाली हैं. मजदूरों से पैदल, साइकिल या ट्रक से सफर करने के बजाय धैर्य रखने और ट्रेन से ही घर लौटने की अपील लगातार की जा रही है. तमाम इंतजाम और एहतियात के बीच पटरी और सड़क पर हादसे हुए. यह दुःखद है. केंद्र और राज्य की सरकारें ट्रेन-बस से प्रवासी मजदूरों गृह प्रखंड तक पहुंचाने में लगी हैं. अब तक 231 स्पेशल ट्रेनों के जरिये 3 लाख से ज्यादा मजदूरों को सुरक्षित बिहार लाया जा चुका है. इस कठिन समय में मजदूरों की कोई मदद करने के बजाय लालू प्रसाद की पार्टी कभी उन्हें फूल-माला भेंट करने की सोचती है, तो कभी उनसे पार्टी की सदस्यता फॉर्म भरवाना चाहती है.

Delhi-Chennai Sramik train to arrive today

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा कि कोरोना संकट से मुकाबले के लिए घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के चैथे चरण में बिजली शुल्क, कोयला, रक्षा उत्पादन, वायु क्षेत्र प्रबंधन, विमानन रखरखाव, अंतरीक्ष गतिविधियों व परमाणु ऊर्जा प्रक्षेत्र में व्यापक सुधार की घोषणा के दूरगामी परिणाम होंगे. विद्युत शुल्क नीति में व्यापक सुधार की घोषणा से उपभोक्ता अधिकार को मजबूत करने के साथ ही पर्याप्त बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी तथा लोड शेडिंग पर बिजली कंपनियों को दंडित करने का प्रावधान होगा. उपभोक्ताओं को डीबीटी के जरिए अनुदान देने तथा स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाने के नियम भी बनेंगे. बिजली उत्पादक कंपनियों को ससमय भुगतान के प्रावधान के साथ ही उनकी अक्षमताओं के बोझ से उपभोक्ताओं को बचाया जायेगा.

171 Shramik Special trains operated since 1 May ferrying over 1.70 ...

कोयला क्षेत्र में व्यापक सुधार के तहत अब कोई भी इच्छुक व्यक्ति खदान के लिए खुली बोली में भाग और उत्पादित कोयले को बेच सकता है जिसके लिए पात्रता की कोई शर्तें नहीं होगी तथा सफल बोली के बाद ही अग्रिम भुगतान करना होगा. पहले की निश्चित राशि की जगह अब नई व्यवस्था में राजस्व शेयरिंग होगी। कोयले की एक्सपोलेरेशन (खोज) में भी निजी भागीदारी के साथ नए आवंटियों को भी कोयला गैसीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है.

रक्षा उत्पादन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 49 से बढ़ा कर 74 फीसदी कर दिया गया है. केन्द्र सरकार प्रतिवर्ष हथियारों के आयात पर प्रतिबंध की सूची अघिसूचित करेगी और आयातीत स्पेयर्स का निर्माण भारत में ही किया जायेगा. पीपीपी के आधार पर 13 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश से 12 एयरपोर्ट को विश्वस्तरीय बनाने के साथ ही विमानों के रख-रखाव व इंजनों की मरम्मत के हब के रूप में भारत को विकसित किया जायेगा. इसके अलावा आणविक विकिरण तकनीक का इस्तेमाल कर पीपीपी माॅडल के आधार पर फल,सब्जियों व खाद्य संरक्षण की सुविधा विकसित की जायेगी.

Input : First Bihar

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