सरकार ने कस्बों के सुनियोजित विकास की कवायद तेज कर दी है। बिहार में शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए करीब सौ कस्बों को नगर पंचायत बनाने की तैयारी है। जबकि मौजूदा नगर पंचायत और नगर परिषद को अपग्रेड करने की योजना बनी है। नगर विकास एवं आवास विभाग की इस पहल के बाद बिहार में नगर निकायों की संख्या 143 से बढ़कर करीब ढाई सौ पहुंचने का अनुमान है। सरकार नगर निकाय बनाने के मानक में व्यापक बदलाव करने जा रही है। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत बनाने के कायदे-कानून संबंधित मानक में भी बदलाव किए गए हैं। बांका और शिवहर जिला मुख्यालय को सीधे नगर निगम जबकि 18 नगर पंचायतों को नगर परिषद बनाने की तैयारी है।

12 हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतें बनेगी नगर पंचायत : 12 हजार से अधिक आबादी वाली सौ पंचायतों को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की 12 हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत घोषित कर छोटे शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार ने शिवहर व बांका जिले पर विशेष इनायत का मन बनाया है।

दरअसल, मौजूदा बिहार नगर पालिका अधिनियम में 40 हजार की आबादी पर नगर परिषद बनाने का प्रावधान है लेकिन शिवहर जिला मुख्यालय स्थित शिवहर नगर पंचायत की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 40 हजार नहीं है।

पटना जिले की सर्वाधिक पंचायत : वर्तमान आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक नगर पंचायतें पटना जिले में बनेंगी। पटना जिले के 23 ब्लॉक की 332 पंचायतों में से 90 गांव की जनसंख्या 12 हजार से अधिक है। वहीं, मुजफ्फरपुर के 43 से अधिक गांव इस योजना के दायरे में आएंगे। इनमें नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए योजनाएं लागू करने कवायद शुरू की गई है।

 

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