बिहार कोर्ट के एक फैसले की काफी तारीफ हो रही है। अपराध की प्रकृति, आरोपी की उम्र और उसमें सुधार की संभावना को देखते हुए नालंदा के किशोर न्याय परिषद के जज मानवेंद्र मिश्र ने अपने फैसले में आरोपी को बर्थडे गिफ्ट दिया है। उनके इस फैसले को किशोर न्याय परिषद के सदस्य धर्मेंद्र कुमार और उषा कुमारी ने सहमति दी है।

आरोपी ने कोर्ट को बताया कि आज उसका जन्मदिन है और वो 18 साल का हो गया है। बता दें कि जज मानवेंद्र कुमार मिश्र ने पहले भी मानवीय आधार पर कई फैसले दिए हैं। ताजा मामला नालंदा के किशोर न्‍याय परिषद का है। नालंदा के बिहार थाने के एक मोहल्ले का निवासी किशोर पड़ोसी के साथ मां के झगड़े में कूद गया था। मामला बढ़ने पर कोर्ट पहुंच गया।

आरोपी ने जज से कहा- आज मेरा जन्मदिन है
मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी ने जज से कहा कि आज उसका जन्मदिन है और वह 18 साल का हो गया है। उसके खिलाफ किसी अन्य थाने या कोर्ट में कोई दूसरा मामला दर्ज नहीं है। उसने यह भी बताया कि वह दवा दुकान में कर्मचारी है। कोर्ट में सुनवाई वाले दिन वह दुकान पर नहीं जा पाता है। ऐसे में दुकान मालिक उस दिन की सैलरी काट लेता है। इससे परिवार चलाने में परेशानी हो रही है।

कोर्ट ने मामला देख किया रिहा
कोर्ट ने इसके बाद आरोपी की मां से पूछताछ की। मां ने बेटे की बातों को सही बताया। उन्होंने कहा कि अब बेटा ठीक से रहता है। कागजात देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि साधारण प्रकृति का यह अपराध सात महीने से लंबित है। पुलिस ने आरोपपत्र भी दाखिल नहीं किया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश का हवाला देते हुए आरोपी को मुक्त करने का फैसला सुनाया।

Input: Live Hindustan

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