बाढ़ से होने वाली तबाही से बचाव और जल संसाधन के बेहतर उपयोग के लिए बिहार सरकार (Bihar Government) ने नदियों के जलसंचयन और प्रवाह के अध्ययन का फैसला लिया है. इसके लिए जल संसाधन विभाग की ओर से राष्ट्रीय स्तर का दूसरा फिजिकल मॉडलिंग सेंटर बिहार में बनाया जा रहा है. इसके निर्माण के बाद नदियों और उसके स्वरूप में होने वाले बदलाव का वैज्ञानिक अध्ययन आसान हो जाएगा.

दरअसल, सुपौल (Supaul) के वीरपुर में देश के दूसरे बड़े फिजिकल मॉडलिंग सेंटर (Physical Modeling Center) का निर्माण कार्य चल रहा है और जल्द ही यह निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 26 अगस्त 2020 को इसका शिलान्यास किया था. जानकारी के अनुसार, नदियों के हाइड्रोलिक गुणों के अध्ययन के लिए बिहार से पहले पुणे में एक संस्थान चल रहा था. बिहार में इस तरह का दूसरा उत्कृट संस्थान तैयार किया जा रहा है. जल विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में इस तरह की उन्नत क्षमता का संस्थान पूरे विश्व मे कुछ गिने चुने देशों में है.

बिहार में 108 करोड़ 93 लाख की लागत से फिजिकल मॉडलिंग सेंटर बनाया जा रहा है. वर्तमान में कोशी नदी से जुड़ी मॉडलिंग स्टडी पुणे की संस्था से कराया जा रहा है. जिस पर बिहार सरकार का हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च होता है. हालांकि, वीरपुर का सेंटर बन जाने से न केवल सरकार के करोड़ों रुपए बचेंगे बल्कि बाढ़ मैनेजमेंट सिंचाई से जुड़ी योजनाओं का कम समय में अध्ययन कराया जा सकेगा. इसके साथ ही नदियों के जलस्तर के 72 घंटे का सटीक पूर्वानुमान मिल सकेगा.

बता दें कि वीरपुर का फिजिकल मॉडलिंग सेंटर (Physical Modeling Center) शुरुआती दौर में सिर्फ कोशी नदी से जुड़ा अध्ययन करेगा. बाद में इसकी उपयोगिता बिहार और पड़ोसी राज्यो की नदियों से जुड़े डेटा इकठ्ठा करने और जलसंचयन प्रवाह क्षमता को समझने में कारगर साबित होगी.

Source : Zee News

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