जमुई जिले का बेटा सूरज राव जेएनयू की एमफिल प्रवेश परीक्षा 2019 में आल इंडिया टॉपर बने हैं। रिजल्ट निकलने के बाद जब सूरज के परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। पेशे से ट्रक चालक शिबू रावत के बेटे सूरज ने आर्थिक तंगी झेलते हुए दसवीं तक की पढ़ाई किसी तरह गाँव(बरहट प्रखंड के मलयपुर) से ही पूरी की। तंगी के बीच लेखक बनने के लक्ष्य को लेकर पटना आ गये।
लेखक और प्रोफेसर बनने का लक्ष्य
पटना में ही रहकर इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। इसी दौरान तबला और कथक की शिक्षा लेनी शुरू की। इसके बाद पटना विश्वविद्यालय में हिन्दी ऑनर्स में दाखिला लिया और स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली गए और दिल्ली से एमए (हिन्दी ) की परीक्षा पास की। अब जेएनयू से एमफिल करने के बाद लक्ष्य पीएचडी का है। भविष्य में लेखक और प्रोफेसर बनने का लक्ष्य है। साथ ही साथ अपने गाँव में शिक्षा और किसानों की हालत में सुधार के लिए काम करने का सपना है।
मां से सीखा संघर्ष, अब भी झेलना पड़ रहा गरीबी का दंश
सूरज ने बताया- यहाँ तक पहुँचने के लिए सबसे ज्यादा गरीबी के दंश को झेलना पड़ा है। कोई ऐसा महीना नहीं बीतता है जब पैसे ना होने की वजह से भूखे पेट गुजारा न करना पड़ा हो। इस दौरान बहुत सारी परीक्षाओं और साक्षात्कार में शामिल नहीं हो पाया क्योंकि फॉर्म भरने और किराये के लिए पैसे नहीं थे। इन सबके बावजूद अपने गाँव -समाज के लिए कुछ बड़ा कर जाऊँ यही सोचकर संघर्ष कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा। यह संघर्ष करने की सीख मुझे अपनी माँ से मिली है। कैंसर जैसी बीमारी से लड़ते हुए माँ ने घर को संभाला और मेरी पढ़ाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सच्चे दोस्त की तरह मेरा साथ देती रही। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त है।
Input : Hindustan