बिहार के द’वा दुकानदारों की तीन दिनों की ह’ड़ताल पहले दिन ही स’माप्त हो गई। बुधवार की देर शाम बिहार के’मिस्ट एंड ड्र’गिस्ट एसोसिएशन (बीसीडीए) ने ह’ड़ताल वापस लेने की घोषणा की।

संघ के अध्यक्ष परसन कुमार सिन्हा और कोषाध्यक्ष प्रदीप चौरसिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार से मिले आश्वासन के बाद संघ ने हड़ताल वापस ली है। उन्होंने बताया कि संघ के 30 से ज्यादा पदाधिकारी और सदस्यों ने प्रधान सचिव के बुलावे पर उनसे मिलने गए। देर शाम तक चली इस बैठक में प्रधान सचिव ने संघ की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और पूरा करने का आश्वासन दिया।

संघ की प्रमुख मांगों में फार्मासिस्टों की समस्या के समाधान होने तक पूर्व की व्यवस्था लागू रहने देने, दवा दुकानदारों का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई पर रोक, दवा दुकानों के निरीक्षण में एकरूपता और पारदर्शिता रहने, विभागीय निरीक्षण के दौरान उत्पीड़न पर रोक आदि शामिल हैं।

175 करोड़ का दवा कारोबार रहा प्रभावित
बीसीडीए के कोषाध्यक्ष प्रदीप चौरसिया ने बताया कि एक दिन के राज्यव्यापी बंद के कारण लगभग 175 करोड़ रुपये से अधिक का दवा कारोबार प्रभावित रहा। उन्होंने बताया कि राज्य में दवा कारोबार एक वर्ष में लगभग सात हजार करोड़ रुपये का होता है। इसको आधार माना जाए तो एक दिन की बंदी से 175 से 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा होगा।

Input : Live Hindustan

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