बिहार में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से एक बार फिर से लोगों में दहशत बढ़ गयी है तो वहीं, सरकार की चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं. एक तरफ जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, वहीं राज्य में मौत के आंकड़ों में भी वृद्धि देखी जा रही है. पिछले 8 माह में बिहार में कोरोना से 1248 लोगों की जान चली गई है जिनमें सबसे अधिक मौत पटना जिले में हुई है.
पटना जिले में अबतक 320 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें छोटे बच्चे से लेकर युवा और बुजुर्ग तक शामिल हैं. वहीं भागलपुर मौत के मामले में दूसरे स्थान पर है जहां अबतक 73 लोगों की कोरोना से जान चली गयी है. जबकि नालन्दा में भी 55 लोग काल के गाल में समा गए हैं. वहीं गया में भी अबतक 50 मौतें हो चुकी है. वहीं, मुंगेर में 48, मुजफ्फरपुर में 45, पूर्वी चंपारण में 47 जबकि सारण में अबतक 48 मौतें हो चुकी है.
हैरानी की बात तो ये है कि राज्य में रिकवरी रेट पिछले 2 माह से 90 प्रतिशत से ज्यादा है यानि वर्तमान में भी रिकवरी रेट 97.09 प्रतिशत है बावजूद रोजाना 6 से 7 मरीजों की मौतें हो रही है. राज्य में अब तक कुल पॉजिटिव मरीजों की बात करें तो कुल 233840 मरीज कोरोना पॉजिटिव हुए हैं जिसमें वर्तमान में 5545 केसेज अब भी एक्टिव हैं. जबकि राज्य में कुल 14275274 सैंपल्स की अबतक जांच हो चुकी है और प्रतिदिन जांच की क्षमता बढ़ती ही जा रही है.
वर्तमान में रोजाना जांच की क्षमता बढ़कर 1 लाख 31 हजार के पार कर गयी है. स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि प्रतिदिन अब डेढ़ लाख सैम्पल्स की जांच हो. अबतक राज्य में कुल कोरोना मरीजों में 227046 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन रोजाना 600 से 700 मरीजों में अब भी पॉजिटिव की पुष्टि हो रही है.
स्वास्थ्य विभाग ने अब आरटीपीसीआर से और ट्रू नेट मशीनों से भी जांच की क्षमता बढ़ाने का फैसला लिया है, वहीं सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि पॉजिटिव पाए गए मरीजों की तत्काल कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाए ताकि तेजी से मरीजों का पता चल सके.
Source : News18