PATNA : बिहार में पुलिस मुख्यालय से एक बड़ी चूक हो गई है. पुलिस के इस कारनामे की चर्चा हो रही है. दरअसल, जिस दारोगा की मौत कोरोना से हुई थी. उसी दारोगा का ट्रांसफर डीआइजी कार्मिक ने कर दिया है. पुलिस के इस फैसले से हर कोई हैरान है.

मामला औरंगाबाद और बक्सर से जुड़ा है. डीआइजी कार्मिक के आदेश पर बुधवार को 172 दारोगा सहित 311 पुलिस कर्मियों का विभिन्न जिलों में तबादला किया था. इस तबादले की लिस्ट में पुलिस मुख्यालय ने उस दारोगा को भी रखा है, जिसकी मौत कोरोना से हुई थी. मौत के दूसरे ही दिन पुलिस विभाग की ओर से तबादले का फरमान जारी किया गया था.

पुलिस के इस फैसले से खाकी की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. इस घटना पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. सेवानिवृत्ति की निकटता के आधार पर भारी संख्या में पुलिसवालों का तबादला किया गया था. पुलिस पदाधिकारियों और सिपाहियों ने अपनी पसंद की जगह तैनाती के लिये आवेदन किया था.

बक्सर जिले के रहने वाले दारोगा बीरेंद्र तिवारी ने भी अपने गृह जिले में तबादले की अनुशंसा की थी. जो औरंगाबाद के खुदवा थाना में तैनात थे. इसी बीच 55 साल के दारोगा बीरेंद्र तिवारी कोरोना की चपेट में आ गए. 9 जून को उन्होंने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया. उनकी मौत की खबर राज्यभर में सुर्खियों में रही. हर किसी ने इस कोरोना वारियर्स की मौत पर दुःख जताया. लेकिन उनके ही विभाग ने तबादले की सूची में उनका नाम जोड़ दिया.

Input : First Bihar

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