बिहार के दरभंगा जिले में तिलकेश्वर ओपी के भुसकुरबा गांव में शुक्रवार की देर रात अपराधियों ने घर में घुसकर गोली मार एक युवक की हत्या कर दी। मृतक की पहचान कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के रैयपुरा गांव निवासी बदरी प्रसाद सिंह के पुत्र राधेश्याम सिंह (32) के रूप में की गई है। राधेश्याम ने तीन दिन पूर्व ही ट्रैक्टर चालक के रूप में काम शुरू किया था। ओपी प्रभारी अखिलेश्वर कुमार ने बताया कि अभी तक घटना को लेकर कोई आवेदन नहीं मिला है और न ही किसी ने कोई बयान दिया है, इसीलिए अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि घटना के पीछे क्या कारण है इसका भी खुलासा अभी तक नहीं हुआ है।

इधर, घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार की सुबह कुशेश्वरस्थान-बिरौल एसएच 56 को सतीघाट के पास पांच घंटे तक जाम रखा। आंदोनकारियों को समझाने पहुंचे पुलिस इंस्पेक्टर से उनकी धक्कामुक्की भी हुई। हालांकि स्थानीय लोगों, कांग्रेस नेता मधुकांत झा मिन्टू व राजद के अशोक कुमार यादव सहित अन्य लोगों के बीच-बचाव से मामला शांत हुआ। इस घटना में मधुकांत झा मिन्टू तथा अशोक कुमार यादव चोटिल हो गए। मृतक राधेश्याम की पत्नी रेणु देवी सहित ग्रामीण तिलकेश्वर थानाध्यक्ष का तबादला व हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। एसडीओ ने मृतक के परिजनों को पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार तथा कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार उपलब्ध कराया। इसके अलावा स्थानीय लोगों ने मृतक के परिवार को चंदा कर 25 हजार की सहायता दिलायी।

ताबड़तोड़ फायरिंग में मौके पर ही हुई मौत
बताया जाता है कि राधेश्याम ने झझड़ा पंचायत के भुसकुरबा निवासी उमाशंकर यादव के यहां तीन दिन पूर्व है ट्रैक्टर चालक के रूप में काम शुरू किया था। राधेश्याम शुक्रवार की रात करीब नौ बजे ट्रैक्टर को दरवाजे पर खड़ा कर खाना खाने के बाद बिछावन पर सोने के लिए गया। इसी दौरान अपराधियों ने उमाशंकर के घर में घुसकर ताबड़तोड़ चार फायरिंग की। इसमें एक गोली राधेश्याम सिंह के गले के नीचे लगी और वह वहीं ढेर हो गया। इसी बीच अपराधी मौका पाकर फरार हो गये।

गोली की आवाज सुनकर गृहस्वामी सहित पड़ोस के लोग दरवाजे पर आये तो खून से लथपथ राधेश्याम छटपटा रहा था। तत्काल घायल राधेश्याम को लोगों ने ट्रैक्टर से इलाज के लिए पीएचसी सतीघाट लाया। वहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सिद्धार्थ शंकर विद्यार्थी ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सा पदाधिकारी ने घटना की सूचना तिलकेश्वर ओपी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने पीएचसी पहुंचकर लाश को कब्जे में लेकर शनिवार की सुबह पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया।

रहिपुरा में पसरा है मातमी सन्नाटा
घटना के बाद मृतक के गांव रहिपुरा में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। राधेश्याम दो भाइयों में बड़ा था। वह शादीशुदा है। उसे दो बेटी है। वह ट्रैक्टर चालक का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। उसकी मौत से परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। उसकी पत्नी रोते-रोते बेहोश हो जाती है। गांव की महिलाएं उसे ढांढस बंधाने में लगी हैं।

घर का इकलौता कमाने वाला था राधेश्याम
अपराधियों की गोली का शिकार हुए राधेश्याम सिंह को क्या पता था कि तीन दिन पूर्व नयी नौकरी पाने के बाद वह दोनों अबोध बच्चियों और पत्नी का मुंह नहीं देख पाएगा। राधेश्याम घर का इकलौता कमाने वाला था। बताया जाता है कि राधेश्याम ट्रैक्टर मालिक उमाशंकर यादव के आपसी वर्चस्व का शिकार हो गया। घटना से आहत मृतक की पत्नी रेणु देवी (25) अपनी दो अबोध बच्चियों को गोद में समेटे दहाड़ मारकर विलाप करती हुई कहती है, हौ दैबा आब हमरा आ दुनू बच्चा के के देखतैय। रेणु की चीत्कार से लोग स्तब्ध हैं।

सतीघाट में पुलिस चौकी की मांग
दरभंगा, समस्तीपुर, खगड़िया तथा सहरसा जिले के सीमावर्ती कुशेश्वरस्थान के दक्षिणी भाग में वर्चस्व की लड़ाई में अब तक दर्जनों लोगों की हत्या और खूनी संघर्ष की घटना हो चुकी है। हाल ही में वर्ना पंचायत के मुखिया पति मो. मुजीब को सतीघाट चौक पर सरेआम गोली मार जख्मी कर दिया गया था। इससे पहले ललित यादव हत्याकांड व समैला बहोरवा चौक पर गौड़ी यादव तथा देवन यादव को सरेआम गोली मारकर जख्मी करने की घटना हो चुकी है। इन घटनाओं में अब तक पुलिस हमलावरों की गिरफ्तारी तक नहीं कर सकी है।

Input: Live Hindustan

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