कोरोना वायरस से पूरी दुनिया खौफजदा है. कोरोना ने भारत में भी तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है. भारत में कोरोना से अबतक 12 मौत हो चुकी है कि जबकि 612 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं.

बिहार में भी कोरोना अपना कहर बरपा रहा है. बिहार में अबतक कोरोना से एक शख्स की मौत हो चुकी है जबकि 4 पॉजिटिव केस पाए गए हैं. कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए पूरे देश को 21 दिनों तक लॉक डाउन कर दिया गया है.

लेकिन इतनी बड़ी महामारी के बीच बिहार के डॉक्टरों के दर्द की जो तस्वीर सामने आ रही है वो यकीनन चौकाने वाली है. इतना खतरनाम बीमारी से लड़ने के लिए सरकार ने जो इंतजाम किए हैं उसकी पोल खुलती जा रही है.

कहीं और की बात छोड़िए सूबे के सबसे बड़ा अस्पताल कोरोना से लड़ने के लिए कितना तैयार है वो वहां के डॉक्टर ही बता रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के हवा हवाई दावों की इन डॉक्टरों ने पोल खोलकर रख दी है.

डॉक्टर सोशल मीडिया पर अपने असुरक्षित होने की बात बता रहे हैं. ऐसे में सवाल यह है कि वे मरीज का इलाज कैसे कर सकेंगे? पटना मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल (पीएमसीएच) तथा कोरोना अस्‍पताल घोषित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल (एनएमसीएच) में तो कोरोना से बचाव के सेफ्टी किट ही उपलब्‍ध नहीं हैं. वे एचआइवी किट के सहारे इलाज कर रहे हैं.

पटना के पीएमसीएच की एक डॉक्टर ने फेसबुक के जरिए सरकार से गुहार लगाई है और कहा है कि अगर अस्पताल में कोरोना के लिए पीपीई किट के बदले हमें अगर आप एचआइवी किट देंगे तो हम कैसे इस बीमारी से खुद को सुरक्षित रख सकेंगे और कैसे किसी मरीज का इलाज कर सकेंगे.

पीएमसीएच की रेसिडेंट डॉक्टर बिनीता चौधरी ने ये पोस्ट लिखा है और अपनी व्यथा सुनाई है. उन्होंने लिखा है कि सुसाइड स्क्वॉड # इमरजेंसी में काम कर रहा है @ पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, बिहार .. हमें पीपीई की जगह hiv किट दी जा रही है। इससे हम कोरोना के रोगी का इलाज करने जा रहे हैं !! यह वास्तव में एक आत्महत्या है जिसे हमने खुद के लिए चुना है। एक बार जब हम संक्रमित हो जाते हैं, तो हम दूसरों को भी संक्रमित कर देंगे .. कोई सुविधाएं नहीं, कोई उपकरण नहीं, कोई प्रक्षेपास्त्र नहीं खाली बोतलों से अधिक, जैसा कि आप तस्वीर में देख सकते हैं

Input : News4Nation

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