जल-जीवन-हरियाली के तहत पुरानी ग्रामीण सड़कों पर करीब छह लाख 30 हजार पौधे लगाए जाएंगे। नई अनुरक्षण नीति के तहत इन सड़कों की मरम्मत हो रही है। इस नीति के तहत पूरे राज्य में 36 हजार किलोमीटर पुरानी सड़कों की मरम्मत होनी है।
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एक किमी पर 50 पौधे लगाने का लक्ष्य है। यानी पुरानी सड़कों पर करीब छह लाख 30 हजार पौधे लगेंगे। अगले साल बरसात से इन सड़कों पर पौधे लगाने का काम शुरू होगा। इसके लिए डीपीआर में ही राशि का प्रावधान किया गया है। इन वृक्षों को पांच साल तक सही ढंग से रखरखाव किया जाएगा ताकि पौधा बढ़कर तैयार हो जाए। ठेकेदार को पांच साल तक पेड़ों का रखरखाव करना होगा। एक किलोमीटर में पौधे लगाने के लिए ठेकेदार को 850 रुपए मिलेंगे। शुरू में पौधे लगाने के लिए संवेदक को 30 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा। अगर सड़क के किनारे लगे पौधे बचेंगे तभी ठेकेदार को शेष 70 प्रतिशत राशि मिलेगी। इस वित्तीय वर्ष में 17 हजार 500 किलोमीटर पुरानी सड़कों की मरम्मती होनी है और इन सारी सड़कों के किनारे पौधे लगेंगे।
रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी
जल-जीवन-हरियाली के तहत सभी नई ग्रामीण सड़कों के किनारे भी पौधे लगाए जाएंगे। इनमें नई व पुरानी दोनों सड़कें शामिल होंगी। जो नई सड़कें बनेंगी उस डीपीआर में ही पौधा लगाने का भी बजट शामिल होगा। जो संवेदक नई सड़कों का निर्माण करेंगे, उसे ही इन पौधों के लगाने व रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी। संवेदन पांच साल तक नई सड़कों के साथ-साथ इन पौधों का भी रखरखाव करना होगा। पांच साल पौधों की सुरक्षा हो गई तो संवेदक को पौधे लगाने का पैसा मिलेगा।
Input : Hindustan