बिहार में पावर बैंकिंग पर काम शुरू हो गया है। पावर बैंकिंग के तहत कम खपत होने वाले महीनों में बिहार देश के जरुरतमंद राज्यों को बिजली देगा। बिहार को जब बिजली की जरूरत होगी तो उस समय वह संबंधित राज्यों से दी गई बिजली वापस ले लेगा। पावर बैंकिंग का कारोबार करने के लिए बिजली कंपनी ने निविदा जारी कर दी है। कंपनी की कोशिश है कि इस महीने से ही इस पर काम शुरू हो जाए।
कंपनी की ओर से जारी निविदा में कहा गया है कि वह 25 फरवरी से 31 मार्च 2020 के बीच जरूरतमंद राज्यों को बिजली देगा। कोई भी राज्य चाहे तो वह कंपनी की ओर से जारी निविदा में शामिल हो सकता है। बिजली लेने वाले राज्यों को बिहार की जरुरत के समय एक अप्रैल से 30 सितम्बर 2020 के बीच बिजली देनी होगी। इच्छुक राज्यों को 13 फरवरी तक इसके लिए आवेदन करना है। जो राज्य बिहार से ली गई बिजली की तुलना में अधिक लौटाएंगे, उन्हें ही बिहार की बिजली मिलेगी।
पावर बैंकिंग क्यों
पहले के वर्षों में बिहार में बिजली की कमी रहती थी। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। राज्य सरकार लोगों की जरुरतों को पूरा करने के लिए बिजली की खरीदारी कर रही है। कई सरकारी-गैर सरकारी कंपनियों से लंबे समय तक के लिए करार किया गया है। चूंकि गर्मी के दिनों में ही बिहार में बिजली की खपत अधिक है। सामान्य दिनों में बिहार में बिजली की खपत दूसरे राज्यों की तुलना में कम रहती है। उपयोग से अधिक बिजली को सरेंडर करने पर बिजली कंपनी को न्यूनतम राशि देने की बाध्यता है। अगर कंपनी बिजली लेकर उसे खुले बाजार में बेचे तो वह कभी-कभार खरीदी गई बिजली से भी कम रेट पर बिकती है जो घाटे का सौदा होता है। इसलिए पावर बैंकिंग पर काम शुरू किया जा रहा है।
नहीं होगी बिजली की किल्लत
पावर बैंकिंग के तहत बिहार उन राज्यों को बिजली देगा जहां इसकी अभी जरूरत है। जब गर्मी के दिनों में बिहार को जरूरत होगी तो उस राज्य से कंपनी अपनी दी गई बिजली को वापस ले लेगा। पावर बैंकिंग के तहत बिहार जिस राज्य को बिजली देगा, करार के कारण संबंधित राज्य बिहार को बिजली देने के लिए बाध्य होगा। इससे कंपनी को बिहार की जरुरत के अनुसार बिजली देने में परेशानी नहीं होगी।
अभी राजस्थान को बिजली दे रही है कंपनी
बीते साल राजस्थान सरकार ने पावर बैंकिंग के लिए निविदा जारी की थी। बिहार की बिजली कंपनी ने उसमें भाग लिया। नवम्बर 2019 से बिजली कंपनी राजस्थान सरकार को सुबह 7 बजे से शाम पांच बजे के बीच 500 मेगावाट बिजली दे रही है। 31 मार्च तक कंपनी राजस्थान को बिजली देगी। एक अप्रैल के बाद बिहार की बिजली कंपनी राजस्थान सरकार से बिजली लेने लगेगी। करार के तहत राजस्थान सरकार बिहार से ली गई बिजली की तुलना में दो फीसदी अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराएगा।
यहां शुरू है पावर बैंकिंग
पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा व मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में पावर बैंकिंग शुरू है।
एक नजर में
5000 मेगावाट औसतन हर रोज बिजली की जरुरत है
4500 मेगावाट तक हर रोज होती है औसतन आपूर्ति
4000 मेगावाट तक सामान्य दिनों में होती है बिजली खपत
Input : Live Hindustan