पुलिस महकमे से लोगों को हमेशा अपेक्षा होती है कि वह कानून का हर हाल में पालन करेगा. हालांकि बिहार पुलिस (Bihar Police) की कार्यशैली से लोगों का विश्वास टूटता जा रहा है. सच तो यह है कि कानून के रखवाले ही कानून के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे है. रिश्वत (Bribery) और लालच में आकर पुलिस वाले कुछ ऐसी कारगुजारियों को अंजाम दे रहे हैं जिसे चाहकर भी आलाधिकारी छुपा नहीं पा रहे और पूरा महकमा शर्मसार हो रहा है. जबकि सूबे की राजधानी पटना (Rajdhani Patna) में हाल के महीनों में घटी चंद घटनाओं ने पुलिस महकमे को कठघरे में लाकर खड़ा किया है. एक नजर पांच बड़ी घटनाओं पर
बेउर में थानेदार समेत 5 पुलिसकर्मी गिरफ्तार
बेउर थाने की पुलिस ने जुलाई महीने में डेढ़ लाख घूस लेकर पूरे लूटेरा गिरोह को छोड़ दिया था. मामले की भनक मिलने के बाद एसएसपी गरिमा मलिक ने जब जांच करवाई तब आरोप सही साबित हुआ. तत्काल कार्रर्रवाई करते हुए थनाध्यक्ष प्रवेश भारती, दरोगा विनोद राय और सुनील चौधरी के खिलाफ उसी थाने में केस दर्ज कर लिया गया, जिसें वो तैनात थे. इसके बाद इन सभी को ठोस साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार कर बेउर जेल भेज दिया गया, जहां ये कभी अप’राधियों को पहुंचाते थे.
खाकी तब और दागदार हुई जब पिछले 5 दिसम्बर को कुख्यात विकास सिंह के दिल्ली से फरार होने में पुलिसकर्मियो की संलिप्तत्ता सामने आई. जांच में यह बात सामने आई कि पुलिसकर्मी नियमों को ताक पर रखकर कुख्यात के कहने पर होटल में रुके जहां से वह फरार हो गया. पुलिस मुख्यालय के सख्त आदेश पर दरोगा अखिलेश सिंह समेत 6 पुलिकर्मियो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
एसपी ऑफिस का रीडर गिरफ्तार
भ्रष्टाचार की आंच से एसपी ऑफिस भी अछूता नहीं है. सिटी एसपी पूर्वी के रीडर अजय कुमार को निगरानी विभाग ने 1 लाख रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था. वह केस को सही करने के लिए एसपी साहब के नाम पर ही रकम वसूल रहा था.
नशे में धुत, थाना चलाता मुंशी भी गिरफ्तार
राजधानी के शहरी थानों में महत्वपूर्ण माने जाने वाले पाटलिपुत्र थाने में पिछले 1 अगस्त को जब फरियादी अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तब थाने का मुंशी अरविंद पांडे नशे में धुत होकर फरियादियों से ही दुर्व्यवहार करने लगा. बात आलाधिकारियों तक पहुंची और फिर सिटी एसपी मध्य विनय तिवारी ने उसे खुद जाकर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
Input : News18