कोरोना के कारण पहले से कई तरह की मुसीबत झेल रहे बिहार के लोगों को बड़ा झटका लगने वाला है. बिहार में बस भाड़े में 30 प्रतिशत की वृद्धि होने जा रही है. लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम को देखते हुए बस मालिकों ने ये एलान किया है.

दरअसल पिछले दिनों में डीजल-पेट्रोल के दाम में भारी इजाफा हुआ है. लिहाजा इसका असर सारी चीजों पर पड़ने जा रहे हैं. कोरोना के कारण पहले से ही मुसीबत झेल रहे लोगों पर नयी गाज गिरने जा रही है. बिहार में बस से सफर करना मंहगा होने जा रहा है. बस मालिक किराये में 25 से 30 फीसदी वृद्धि करने की तैयारी कर रहे हैं.

बिहार राज्य ट्रांसपोर्ट फेडरेशन अध्यक्ष उदय शंकर सिंह ने कहा कि बस किराये को बढाना वाहन मालिकों की मजबूरी हो गयी है. उदय शंकर सिंह ने कहा कि कोरोना के दौर में डीजल के दाम दस रुपये तक बढ़ोतरी हो चुकी है. तेल की कीमत बढ़ने के कारण वाहन के परिचालन का खर्च काफी बढ़ गया है. ऐसे में बस मालिकों के पास किराया बढ़ाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है.

हालांकि सूबे में बस किराया तय करने का जिम्मा राज्य सरकार का है. राज्य सरकार की मंजूरी के बगैर बस मालिक किराया नहीं बढा सकते. लेकिन सरकार शायद ही कभी बस मालिकों पर अंकुश लगा पाती है. मीडिया से बात करते हुए पटना के जिला परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार ठाकुर ने बताया कि पटना में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार बस से लेकर टेम्पो तक का किराया निर्धारित करता है. इस प्राधिकार के प्रमुख प्रमंडलीय आयुक्त होते हैं. वहीं बसों का राज्य स्तरीय किराया परिवहन विभाग तय करता है. सरकार की मंजूरी के बाद ही किराया बढ़ाया जा सकता है.

एक साल में डेढ गुणा बढ़ेगा बस भाड़ा

हम आपको बता दें कि पिछले साल भी बस मालिकों ने किराये में 25 फीसदी की वृद्धि की थी. अब फिर से 30 फीसदी किराया बढ़ाने की तैयारी है. ऐसे में एक साल के भीतर किराये में डेढ गुणा इजाफा होने जा रहा है. पिछले साल पटना से मुजफ्फरपुर का किराया 90 रूपया था जिसे बढ़ा कर 110 रूपया कर दिया गया था. अब अगर 30 फीसदी किया बढ़ता है तो ये बढ़कर 143 रूपया हो जायेगा.

Input : First Bihar

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