इंजीनियरिंग की फील्ड में जाने वाले बिहार के युवाओं के लिए खुश खबरी है। बिहार में अब प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज खुल सकेंगे। बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय की तरफ से इसकी संबद्धता देने का रास्ता खोल दिया गया है। अभियंत्रण विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार ने इसे लेकर पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज चलाने के इच्छुक संस्थाओं से संबद्धता के लिए आवेदन मांगे हैं। इसके तहत एनजीओ और ट्रस्ट को भी इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का मौका मिल सकता है। बता दें कि अभी राज्य के सभी जिलों में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज ही चल रहे हैं।
बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि अगर कोई सोसाइटी या कंपनी आईटी, वास्तुकला व योजना और प्रबंधन में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलना चाहती हैं तो वे इसके लिए बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के पास आवेदन कर सकते हैं अभियंत्रण विश्वविद्यलाय ऐसे कॉलेजों को संबद्धता प्रदान करेगी।
हालांकि रजिस्ट्रार द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि संस्थान को इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए पहले एआईसीटीई से मान्यता लेनी पड़ेगी। एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान को ही विश्वविद्यालय से संबद्धता मिलेगी। विश्वविद्यालय की तरफ से संबद्धता के लिए आवेदन करने को लेकर एक फार्मेट भी जारी किया है।जिसमें आवेदन करने वाली संस्था को यह बताना पड़ेगा कि किस कोर्स में उसे एआईसीटीई से मान्यता मिली है। इसके अतिरिक्त वह स्नातक का कोर्स शुरू करेगा या पीजी का यह भी बताना पड़ेगा।
इसके अलावा संस्थान के संचालक का पूरा नाम और पता देना होगा। आवेदन करने वाला संस्था में किस पद पर है इसकी जानकारी बतानी होगी। संस्थान का पूरा ब्योरा देना होगा। इसमें संस्था का पूरा पता, वेबसाइट, संस्थान कहां स्थित है और उसकी चौहद्दी क्या है, संस्थान कब स्थापित हुआ, उसे एआईसीटीई से अनुमोदन कब मिला इसका पूरा ब्योरा भी फार्मेट के रूप में देना होगा।
संस्थान को इसमें यह भी बताना होगा कि उसे सरकार की तरफ से कोई अनुदान मिलता है या नहीं। संस्थान में कितने शिक्षक हैं, नियमित प्राचार्य हैं या नहीं, लैब, लाइब्रेरी की जानकारी भी संस्थान को विवि को भेजनी होगी। संस्थान को बताना होगा कि उसके यहां लाइब्रेरी में कितनी किताबें हैं। हॉस्टल में किताबें उपलब्ध है या नहीं। खेल का मैदान है या नहीं इसकी जानकारी भी विवि को देनी पड़ेगी।