देश में वैसे तो कश्मीर और विदेश में है स्वीट्जरलैंड जो लोकप्रिय होने के साथ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए सैलानियों के लिए जन्नत है।
कभी आपने सोचा है कि बिहार में क्या है?? कुछ नहीं, जी नहीं अगर आप ऐसा सोच रहें हैं तो आपका सोचना बिल्कुल गलत है बिहार के पास भी अपना कश्मीर है और बिहार के इस बेहद सुंदर कश्मीर का नाम है ककोलत. यह जगह बिहार के नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड में स्थित है।
यूं तो बिहार में कई मनोरम पर्यटक स्थल हैं, जहां लोग गर्मियों की छुट्टियां बिताने जाते हैं. इनमें से एक है नवादा जिले में ककोलत जलप्रपात जिसे प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से यहां का कश्मीर कहा जाता है. यह जलप्रपात सदियों से प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना रहा है
ज्यादातर बिहारवासी ‘बिहार के कश्मीर’ से अज्ञात हैं. बिहार सरकार की तरफ पटना से ककोलत के लिए हर दिन बस खुलती है जो पावापुरी और बिहारशरीफ होते हुए जाती है और रात को वापस पटना लौट आती है. नवादा जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर गोविंदपुर प्रखंड में स्थित ककोलत जलप्रपात का न केवल पुरातात्विक बल्कि पौराणिक महत्व भी है. प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को यहां पांच दिवसीय ‘सतुआनी मेला’ लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं.
ककोलत खूबसूरत वादियों के बीच बसा है
ककोलत खूबसूरत वादियों के बीच बसा है. चारों तरफ खेत खलिहान, पेड़ पौधे, हल्की ठंडी छटा और हरियाली ही हरियाली. ककोलत अपने आप में प्रकृति कि गोद में बसा प्रकृति की उपहार है. ककोलत एक बेहद खूबसूरत पहाड़ी के पास डेढ़ सौ फुट के ऊंचाई पर बसा एक झरना है. ककोलत की ठंड यहां से तीन किलोमीटर की दूर थाली मोड़ पर ही महसूस होने लगती है. ककोलत झरना जिस पहाड़ी पर बसा है उसे भी ककोलत ही कहते हैं।
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