पटना. दूसरे राज्यों में रहने वाले लोगों का बिहार लौटने क्रम अब भी जारी है. आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) के आंकड़ों के अनुसार अब तक 30 लाख से अधिक प्रवासी आ चुके हैं. जाहिर है रोजगार को लेकर जहां आम लोगों को चिंता सता रही है. वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सरकार भी सक्रिय हो गई है. मनरेगा (MGNREGA) जैसी योजनाओं के तहत जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार दिए जा रहे हैं, वहीं उद्योग विभाग (Industry department) भी एक्टिव हो गया है. कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने को अब मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना शुरू कर रहा है.

बिहार में रोजगार के लिए 10 लाख रुपये देगी नीतीश सरकार, जानें नियम व शर्त

उद्योग विभाग ने दी ये जानकारी

बिहार उद्योग विभाग की इस योजना के तहत स्किल्ड लेबर ग्रुप्स को भवन और कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार 10 लाख तक की राशि उपलब्ध करवाने जा रही है. इसके लिए प्रत्येक ग्रुप में कम से कम 10 कुशल श्रमिक शामिल होना आवश्यक होगा. उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यह योजना कुशल श्रमिकों के एक स्वयं सहायता समूह के रूप में होगी. इसमें हर समूह में कम से कम 10 लोग शामिल होंगे. ये वे लोग होंगे जो एक ही तरह के उत्पादन या दूसरे काम से जुड़े होंगे.

स्किल्ड लेबर ग्रुप्स उठा सकेंगे इस योजना का लाभ

इसमें उन्हीं श्रमिकों को शामिल किया जाएगा जिन्हें किसी कार्य विशेष में ट्रेंड होंगे और उस काम को करने का कम से कम एक साल का अनुभव हो. उद्योग विभाग ऐसे समूह को भविष्य में विभाग किसी पीएसयू कंपनी या एंकर उद्यमी से जोड़ने की कोशिश करेगा ताकि उनको दीर्घकालीन सहायता प्रदान की जा सके.

उद्योग मंत्री श्याम रजक ने सभी महाप्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि विस्तृत कार्ययोजना प्रतिवेदन तैयार करें. उसमें भवन या शेड का सुदृढ़ीकरण, मशीनरी एवं कार्यशील पूंजी का पूरा विवरण शामिल होगा. हर जिले में ऐसे दो-दो केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए चार करोड़ का बजट भी उपलब्ध करा दिया गया है.हालांकि जिलों को यह राशि किश्तों में भेजी जाएगी.

हर स्तर पर सहायता को तैयार है बिहार सरकार

उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में ऐसे दो-दो सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे. योजना की स्वीकृति, संचालन और पर्यवेक्षण जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति करेगी. उद्योग विभाग ने पहले मुख्यमंत्री क्लस्टर विकास योजना शुरू की थी. इसके तहत हर जिले में दो या उससे अधिक क्लस्टर बनाए जाने थे. अब इस योजना को बदलकर मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना कर दिया गया है.

24 बड़े उद्योगपतियों को किया था आमंत्रित

गौरतलब है कि बिहार में उद्योग विभाग लगातार रोजगार सृजन के नये उपायों पर जोर दे रहा है और इसी क्रम में प्रदेश के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने एक हफ्ते पहले ही देश के 24 उद्योगपतियों को पत्र लिखकर बिहार में निवेश करने, अपनी यूनिट्स लगाने की अपील की है. उद्योगपतियों को लिखे अपने पत्र में श्याम रजक ने कहा है कि बिहार में निवेश की असीम संभावनाएं हैं.

प्रदेश में फूड प्रॉसेसिंग, कृषि यंत्र के उत्पादन, ऊर्जा, कैमिकल, टेक्सटाइल, चमड़ा, सूचना एवं टेक्नोलॉजी और हेल्थ केयर में निवेश की काफी संभावना है. जिन उद्योगपतियों को बिहार में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है, उनमें नेस्ले इंडिया लिमिटेड, फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, खादिम्स इंडिया लिमिटेड, जीआरएम ओवरसीज लिमिटेड, हिंदुस्तान फूड्स लिमिटेड, रिलैक्सो फुटवियर लिमिटेड और बाटा इंडिया लिमिटेड के नाम प्रमुख हैं.

(इनपुट- आनंद अमृतराज)

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