बिहार में 100 से अधिक नेताओं को झटका लगा है। उनके चुनाव लड़ने के मंसूबों पर फिलहाल पानी फिरता नजर आ रहा है। मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार चुनाव आयोग ने 102 पूर्व प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने पर तीन सालों के लिए रोक लगा दी है।
सूत्रों के अनुसार ये पूर्व प्रत्याशी लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने अब तक अपने चुनावी खर्चे का ब्यौरा नहीं दिया है। इसकी वजह से इन पूर्व प्रत्याशियों पर कार्रवाई की गई है।
बताया जाता है कि चुनाव आयोग ने इसकी सूचना प्रदेश के सभी डीएम और चुनाव से जुड़े अधिकारियों को भेज दी है। पूर्व प्रत्याशियों पर 2019 से 2022 तक के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है। इसका मतलब कि ये चिह्नित नेताजी न तो 2019 का लोकसभा चुनाव ही लड़ पाएंगे और न ही बिहार में 2020 में होनेवाले विधानसभा के चुनाव में ही अपनी किस्मत आजमा पाएंगे।