बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन की आहट तेज हो गयी है. संस्थान सहित अन्य प्रतिष्ठानों को धड़ाधड़ बंद किया जा रहा है. राज्य के सभी संग्रहालय, पुरातात्विक स्थल, स्मारक आदि को तत्काल प्रभाव से 16 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है. इन स्थलों पर दर्शकों को प्रवेश नहीं मिलेगा. कला- संस्कृति एवं युवा विभाग ने इस बाबत शुक्रवार को निर्देश जारी कर दिया.

इसके अलावा सभी इनडोर और आउटडोर स्टेडियम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्विमिंग पूल, जिम सेंटर आदि को 16 मई तक के लिए बंद कर दिया है. इस दौरान मैदान या किसी भी जगह खेल व अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन की मनाही होगी.कोरोना की दूसरे लहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बिहार सरकार बहुत चिंतित है. इसलिए यह बड़ा निर्णय लिया गया है.

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को 17 से 25 अप्रैल तक विधानसभा सचिवालय पूर्णरूपेण बंद करने का आदेश दिया है. इस दौरान पूर्व से निर्धारित अति महत्वपूर्ण कार्यों का निष्पादन ही हो सकेगा. कार्यालय बंदी की इस अवधि में सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने और अपना मोबाइल ऑन रखने का आदेश दिया गया है.

कार्यालय बंद रहने के दौरान सभा सचिवालय की सभी शाखाओं को सैनिटाइज किये जाने का भी आदेश उन्होंने दिया है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी सरकार चिकित्सक के माध्यम से मात्र बीमारी का इलाज करा सकती है. महामारी का इलाज सावधानी, सतर्कता और समाज की जागरूकता पर निर्भर करता है.
गौरतलब है कि सभा सचिवालय के कुछ पदाधिकारियों और कर्मचारियों के कोरोना पाॅजिटिव होने की सूचना मिली थी. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के आदेश से सभा सचिवालय में 13 अप्रैल से पदाधिकारियों और कर्मियों की कोरोना जांच करायी जा रही है. 13 से 15 अप्रैल तक कुल 24 पदाधिकारी और कर्मचारी कोरोना पाॅजिटिव पाये गये थे. 16 अप्रैल को शाम चार बजे तक फिर 20 पदाधिकारी और कर्मचारी कोरोना पाॅजिटिव पाये गये.

Input: Prabhat Khabar

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