बिहार में बीते दो-तीन दिनों से हो रही बारिश का असर सूबे की नदियों में दिखने लगा है. बिहार की कई नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. कई नदियों का पानी खतरे के निशान के काफी करीब पहुंच चुका है, जिससे सूबे के कई हिस्सों में एक बार फिर से बाढ़ का ख़तरा मंडराता हुआ दिख रहा है. बिहार के पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी सहित कई जिलों के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ का ख़तरा मंडराने लगा है. इन जिलों में भारी बारिश की वजह से सड़के भी क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे आवागमन प्रभावित हो गया है.

आपको बता दें कि बीते दो-तीन दिनों से बिहार में खूब बारिश हो रही है. बिहार की राजधानी पटना सहित सूबे के कई हिस्सों में लोगों को भारी जलजमाव का सामना करना पड़ रहा है. वहीं लगातार हो रही बारिशों की वजह से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है. सूबे की कई नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. प्रमुख नदियों खासकर उत्तर बिहार की नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. कई स्थानों पर नदियों का पानी खतरे के निशान के काफी करीब आ चुका है.ललबकिया नदी में पानी बढ़ने के कारण पूर्वी चम्पारण के सिकरहना अनुमंडल के फुलवारियाघाट पर डायवर्सन टूट गया. इस कारण सीतामढ़ी का पूर्वी चम्पारण से सड़क सम्पर्क भंग हो गया.जिला प्रशासन ने संभावित बाढ़ से निबटने के लिए हाईअलर्ट घोषित कर दिया है.साथ ही नदियों में नाव चलाने पर भी तुरंत रोक लगा दी गई है. जल संसाधन विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार बागमती के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है.

मिली जानकारी के अनुसार सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर व दरभंगा में बागमती का जलस्तर ढेंग, सोनाखान, डुब्बाधर, कनसारी, बेनीबाद में खतरे के निशान के करीब आ चुका है. वहीं कमला बलान व भुतही बलान का पानी मधुबनी के झंझारपुर, जयनगर और एकमा नहर के बाएं हिस्से में खतरे के निशान के समीप आ चुका है. ऐसे में विभाग कोसी, गंडक और सोन सहित सभी नदियों के जलस्तर की कड़ी निगरानी कर रहा है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटा जा सके.

आपको बता दें कि मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में गंडक बेसिन के पोखरा, अरूघाट व भरतपुर, बागमती, अधवाड़ा समूह की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश होने का अनुमान जताया है. इसी तरह कमला, कोसी व महानंदा के इलाके में भी बारिश के कारण इन नदियों के जलस्तर में अभी और वृद्धि होने का अनुमान है.

Input : Live Cities

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