पटना. बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में NPR को 2010 के प्रावधानों के अनुसार और NRC को राज्य में नहीं लागू करने को लेकर एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ है. इस बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार के लोगों को बधाई दी. इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बताया कि बिहार में एनआरसी लागू करने का कोई औचित्य नहीं है. सीएम नीतीश ने विधानसभा को बताया कि बिहार सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर एनपीआर प्रपत्रों से विवादास्पद क्लॉज की छूट मांगी है. उन्होंने कहा, मुझे यह भी नहीं पता कि मेरी मां का जन्म कब हुआ. एनआरसी लाने की कोई जरूरत नहीं है.
बीजेपी सदस्यों द्वारा सदन की कार्यवाही के संक्षिप्त स्थगन के लिए संशोधित नागरिकता अधिनियम को ‘काला कानून’ बताते हुए विपक्ष द्वारा कड़ी आपत्ति जताए जाने के बाद बिहार विधानसभा में हंगामे के बीच मुख्यमंत्री का बयान आया.
Bihar assembly passes resolution to not implement the National Register of Citizens (NRC) in the state. The assembly also passed a resolution to implement the National Population Register (NPR) in its 2010 form, with an amendment. pic.twitter.com/OQMiHFbZBB
— ANI (@ANI) February 25, 2020
अब जब एनआरसी लागू नहीं होने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा ने पारित कर दिया तो तेजस्वी यादव ने कहा कि जो जनता की आरजेडी से उम्मीद थी वो पूरी हुई. आज विधानसभा से इसे सर्वसम्मति से पास किया. तेजस्वी ने कहा कि हमने विश्वास दिलाया था कि बिहार में NRC को लागू नहीं होंने देंगे. आज सरकार को विपक्ष के आगे घुटने टेकने पड़े.तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार कहती थी एक इंच पीछे नही हटेंगे, लालू यादव के खौफ से पीछे हटना पड़ा. NRC को बिहार में लागू नहीं होने देंगे की हमारी लड़ाई सफल हुई. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बात पर अब ज्यादा राजनीति नहीं होनी चाहिए. जो जनता धरने पर बैठी है, उन सभी को धन्यवाद. अब बिहार में बात रोजगार दिलाने की होगी.
इससे पहले CAA-NPR-NRC पर स्थगन प्रस्ताव पर बहस के दौरान हंगामा हुआ, जिसे विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और अन्य लोगों ने आगे बढ़ाया और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार की आपत्ति के बाद स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने मंजूरी दे दी.
Input : News18