बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए हर तरह से प्रयास तेज कर दिया है। खुद प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार हालात पर निगरानी रख रहे हैं। कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के बीच बिहार के अस्पतालों में रेमेडेसिवर इंजेक्शन की भारी कमी हो गई है। बिहार के प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में ये दवा नहीं मिल पा रही है। रेमेडेसिवर इंजेक्शन की किल्लत को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक विशेष विमान भेजा है। मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद से 14 हजार रेमडेसिविर दवा जल्द से जल्द लाने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। इधर, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि जिन संक्रमित व्यक्ति के लिए रेमडेसिविर आवंटित की गई उन्हें मिली या नहीं, इसकी खोज-खबर संबंधित व्यक्ति के परिवार से ली जाएगी।राज्य में केंद्र के कोटे का रविवार तक एक भी इंजेक्शन नहीं मिला था। रविवार को 14 हजार इंजेक्शन के लिए अहमदाबाद विमान भेजा गया है।
इससे पहले 24604 रेमडेसिविर इंजेक्शन बिहार को अलॉट हुआ था। 30 अप्रैल तक के लिए यह कोटा अलॉट किया गया है। नए एलोकेशन के बाद बिहार का रेमडेसिविर इंजेक्शन में देश में 11वां स्थान हो गया है। महाराष्ट्र पहले, गुजरात दूसरे नंबर पर है। महाराष्ट्र में 435000 तथा गुजरात को 165000 इंजेक्शन सप्लाई की गई है।
ज्ञात हो कि कोरोना से पहले रेमडेसिवीर को एक एंटीवायरल ड्रग के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद देश में इस दवा की मांग अचानक से बढ़ गई। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि इस दवा को हेपेटाइटिस सी और सांस संबंधी वायरस के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में कोरोना के गंभीर मरीजों को जब सांस लेने में काफी समस्या होती है तब इस दवा का कई डॉक्टर इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संक्रमण में इस दवा के इस्तेमाल को गलत बताया है।
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