पटना: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अपने अनोखे अंदाज से हमेशा चर्चा में रहते हैं. वे कभी अचानक राजधानी पटना स्थित पुलिस मुख्यालय से सैकड़ों किलोमीटर दूर किसी जिले के थाने में पहुंच जाते हैं. वहां पुलिस के काम-काज का पूरा ब्योरा लेते हैं, थोड़ी क्लास लेते हैं फिर उनके साथ फोटो भी खिंचाते हैं तो कभी अभिभावक के अंदाज में पुलिस जवानों से बात करते नजर आते हैं. तो कभी भोजपुरिया अंदाज में लोगों से कोरोना से लड़ाई की अपील करते दिखते हैं. अब डीजीपी साहब का एक नया अंदाज गोपालगंज में सामने आया है.

गोपालगंज के चर्चित रोहित हत्याकांड की तफ्तीश करने पहुंचे डीजीपी ने अपने अंदाज में जांच की. घटनास्थल पर पहुंचे डीजीपी ने अपनी वर्दी उतारी और जान की परवाह किये बिना खनुआ नदी में कूद पड़ें. करीब 40 मिनट तक पानी में रहकर हत्या की जांच की. सबूत इक्कठा किये और मृतक के परिजनों से पूछताछ की. इस पूरे जांच के दौरान मीडिया को अलग रखा गया. बल्कि जांच के समय सिर्फ परिजन मौजूद थे. वहीं गोपालगंज मुख्यालय में पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से जानकारी ली. डीजीपी की जांच के बाद एसपी ने कटेया के थानेदार अश्विनी कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया है.

चर्चा का विषय बना लाइव क्राइम रिपोर्टिंग का वीडियो

लाइव क्राइम रिपोर्टिंग का वीडियो अब चर्चा का विषय बन गया है. वीडियो में गुप्तेश्वर पांडे बकायदा नदी में तैरते नज़र आ रहे हैं. डीजीपी उन लोगों से भी बात कर रहे हैं जिनपर हत्या का आरोप लगा है औऱ वह जमानत पर हैं. उस डॉक्टर से भी बात कर रहे हैं जिन्होंने रोहित के शव का पोस्टमार्टम किया था. करीब 40 मिनट के इस वीडियो में उस अफवाह की भी तहकीकात करते हुए दिख रहे हैं जिसमें इस मौत को साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की गई.

दरअसल गोपालगंज के कटेया थाने के बेलही डीह गांव में 15 साल के रोहित जायसवाल की मौत 28 मार्च 2020 को हो गयी थी. 29 मार्च को लड़के की डेडबॉडी पकहां के पास खनुआ नदी में मिली थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की है. लेकिन बाद में धार्मिक स्थल के निर्माण में बलि देने की अफवाह उड़ा दी गयी. जिसकी जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया था.

इसके पहले सारण रेंज के DIG विजय कुमार वर्मा समेत सभी आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर चुके हैं. डीआइजी ने भी धार्मिक स्थल से जोड़कर हत्या करने की बात को अफवाह बतायी. इसके बाद स्वयं डीजीपी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की गहन जांच की. हालांकि इस हत्याकांड में डीजीपी ने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इंकार किया. डीआइजी के मुताबिक इस मामले में 6 लोग नामज़द हैं. गिरफ्तार हुए 5 लड़कों में से 4 नाबालिग हैं. उन्हें कोर्ट से बेल मिल गई है. छठा फ़रार चल रहा है.

मृतक रोहित की मां ने बताया कि पकहां घाट पर पिता के साथ पकौड़ी बेचता था. वही एक लड़का था जो हमलोगों के साथ हाथ बटाता था. अब प्रशासन बोल रहा कि घर छोड़कर चले जाओ. इसलिए हमलोग अपना यह घर छोड़कर यूपी आ गए. यूपी की सरकार ने हम लोगों को खाने के लिए और रहने के लिए जगह दिया है.

धार्मिक स्थल पर बलि देने की बात से रोहित की मां ने इंकार किया. उसने कहा कि यह हमें पता नहीं है. लेकिन इतना पता है कि मेरे लड़के को मारा गया है.

हत्या को धार्मिक स्थल से जोड़कर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की गयी

डीआइजी विजय कुमार वर्मा ने साफ कर दिया कि हत्या को धार्मिक स्थल से जोड़कर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की गयी. सोशल मीडिया पर अफवाह फैलायी गयी. कटेया थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी और अफवाह फैलानेवालों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हो रही है.

इसी हत्याकांड में कटेया थानेदार अश्विनी कुमार का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मृतक रोहित के परिजनों के साथ थानेदार के द्वारा गाली-गलौज करने की जा रही है. इस मामले में डीआइजी ने कहा कि एसपी मनोज कुमार तिवारी इसकी जांच कर रहे हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया है.

डीजीपी ने कहा है कि इस घटना में कोई और चश्मदीद गवाह अब तक नहीं मिला है और साक्ष्य रोहित की मौत डूबने के कारण होने का इशारा करते हैं लेकिन इस मामले में जांच जारी रहेगी. उन्होंने लोगों से पुलिस की मदद साक्ष्य जुटाने में करने की अपील की है. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से यह साबित करने की भी कोशिश की है कि इलाके में किसी तरह का सामजिक तनाव नहीं है.

Input : ABP Live

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