बुल्ली बाई मोबाइल ऐप से जुड़े मामले पर दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने असम से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. स्पेशल सेल ने जानकारी दी है कि यह कार्रवाई इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटीजिक ऑपरेशन्स यूनिट (IFSO) ने की है. पुलिस आरोपी को लेकर दोपहर 3.30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच रही है. खबर है कि आरोपी इस ऐप में मुस्लिम महिलाओं को अपमानजनक तरीके से दिखा रहे थे.

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स्पेशल ने बताया कि GitHub पर बुल्ली बाई ऐप तैयार करने वाला और मुख्य साजिशकर्ता और इस ऐप का ट्विटर खाताधारक को IFSO ने गिरफ्तार किया है. मुंबई पुलिस ने बुधवार को कहा कि ‘बुल्ली बाई’ ऐप के सिलसिले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर ऑनलाइन पोस्ट कर उन्हें बदनाम किया जा रहा था. पुलिस ने यह भी दावा किया कि ऐसा लगता है कि आरोपियों ने अपने ट्विटर हैंडल में सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल किया था, जिससे कि लोगों को गुमराह किया जा सके और आरोपियों की पहचान न हो पाए.

इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां बताया कि शहर पुलिस की साइबर इकाई द्वारा उत्तराखंड से गिरफ्तार की गई 18 वर्षीय श्वेता सिंह मुख्य आरोपी है, जिसने ऐप का ट्विटर हैंडल बनाया था. उन्होंने दावा किया कि सिंह ने 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है और वह इंजीनियरिंग करने की योजना बना रही थी. इससे पहले दिन में, मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने संवाददाताओं से कहा कि इस मामले में कुछ और लोगों के शामिल होने की आशंका है.

मामले में बुधवार तड़के उत्तराखंड से मयंक रावल (21) को गिरफ्तार किया गया. श्वेता सिंह को मंगलवार को उत्तराखंड के ही रुद्रपुर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा (21) को सोमवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. नगराले ने कहा कि मुंबई पुलिस ने दो जनवरी को ऐप के बारे में शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने ऐप और संबंधित ट्विटर हैंडल का तकनीकी विश्लेषण शुरू किया.

उन्होंने कहा, ‘तकनीकी विश्लेषण के दौरान, हमने ऐप के अनुयायियों के बारे में जानकारी एकत्र की और आरोपी की तलाश शुरू की.’ नगराले ने दावा किया कि बेंगलुरु निवासी विशाल कुमार झा, सिविल इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष का छात्र है, जो हैंडल के पांच फॉलोअर में से एक था. ऐप को ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब पर होस्ट किया गया था. बाद में इसे प्लेटफॉर्म ने ब्लॉक कर दिया. असल में यह कोई वास्तविक ‘नीलामी’ या ‘बिक्री’ नहीं थी. ऐप का उद्देश्य लक्षित महिलाओं को अपमानित करना और डराना था, जिनमें से कई सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं.

Source : News18

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