नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को वेटनरी कॉलेज मैदान से बेराजगारी के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया। बेरोजगारी हटाओ यात्रा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यदि युवकों को रोजगार दे दे तो वह अपनी यात्रा रोक सकते हैं। हमारी सरकार बनी तो सभी बहाली में प्रदेश के युवकों के लिए 85 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। लालू प्रसाद के जिंदा रहते एनपीआर, एनआरसी और सीएए जैसा काला कानून बिहार की जमीन पर नहीं उतर सकता। यह सब बेरोगारी और महंगाई जैसे मसलों से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 11.47 प्रतिशत बेरोजगारी दर है जो देश में सबसे अधिक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 साल बनाम 15 साल की बात करते हैं। लालू प्रसाद जब यूपीए सरकार में थे उस समय प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए इतना पैसा दिया कि उस समय की बनी सड़कों की मरम्मत नहीं करा पा रही है सरकार। जब लालू प्रसाद ने सत्ता संभाली थी तो स्टेशन और गांधी मैदान तक गिरवी था। बावजूद संयुक्त बिहार में सात नये विश्वविद्यालय खोले कई नये जिले और ब्लॉक बने, बिक्रमशीला जैसे बड़े पुल बने, लाखों शिक्षकों और सिपाही की स्थाई बहाली हुई। गरीबों और पिछड़ों को सदन तक पहुंचाया। अंतरराष्ट्रीय मैच भी हुआ। ज्योंही केन्द्र में एनडीए आई तो विकास रोकने के लिए बिहार से दर्जनभर मंत्री केन्द्र में बनाये गये। नीतीश कुमार भी उसमें थे। फंसाने की साजिश हुई और मुकदमें किये गये। आज बिहार में आज पैदा लेने वाला बच्चा भी एक लाख 35 हजार कर्ज के साथ आता है। 2004 में हर व्यक्ति पर कर्ज मात्र पांच हजार से भी कम था। फिर भी कुछ गलती हो सकती है, जिसे मैं स्वीकारता हूं। अब नया जमाना आया, नया बिहार बनाना है।
तेजस्वी यादव ने पार्टी जनों के लिए भी संदेश दिया। कहा कि आगे बढ़ाना है तो सुदामा बनकर पैर धोना और राम बनकर सबरी का बेर खाना सीखना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने और संचालन प्रधान महासचिव आलोक मेहता और प्रवक्ता चितरंजन गगन ने किया।