सैन्य शक्ति का विस्तार कर रहे भारत को एक और बड़ी सफलता मिली है. भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने रविवार को अरब सागर (Arabian Sea) में अपने जंगी पोत आईएनएस चेन्नई (INs Chennai) से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Supresonic Cruise Missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. जानकारी दी गई है कि ब्रह्मोस ने अपने टार्गेट पर पूरी सटीकता के साथ मार किया है. इससे नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है. इसे जंगी जहाजों में सुरक्षा के लिए लगाए जाने की बात सामने आ रही है. यह लंबी दूरी की घातक मिसाइल है.
इससे भारत ने शुक्रवार देर रात ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र से सेना के प्रायोगिक परीक्षण के तहत परमाणु विस्फोटक ले जाने में सक्षम और स्वदेश में विकसित ‘पृथ्वी-2’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. रक्षा सूत्रों ने बताया कि सतह से सतह पर मार करनेवाली अत्याधुनिक मिसाइल को बालासोर के नजदीक चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर-3 से रात लगभग साढ़े सात बजे दागा गया और परीक्षण सफल रहा.
Today, somewhere in the Arabian Sea, INS Chennai, India’s stealth destroyer, fires a BRAHMOS supersonic cruise missile with pin point accuracy. pic.twitter.com/SzlcUtPn9h
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) October 18, 2020
पिछले दिनों भारत सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के इस नए संस्करण का एक परीक्षण कर चुका है. इसके साथ ही विकिरण रोधी मिसाइल रूद्रम-1 समेत कई मिसाइलों का भी परीक्षण किया गया था. लेजर निर्देशित टैंक रोधी मिसाइल और परमाणु क्षमता वाली हाइपरसोनिक मिसाइल ‘शौर्य’ का भी सफल परीक्षण किया गया था.
रूद्रम-1 के सफल परीक्षण को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि यह भारत द्वारा विकसित पहला विकिरण रोधी हथियार है.