नेपाल व तराई क्षेत्र में लगातार बारिश जारी रहने से बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ गया है। इससे नदी से सटे शहर के निचले मोहल्लों में पानी का दबाव काफी बढ़ गया है। नदी के दक्षिणी व उत्तरी किनारे पर बसे आधा दर्जन से अधिक बस्तियों की करीब 20 हजार आबादी सकते में आ गई हैं।

सिकंदरपुर कुंडल से मुक्तिधाम और एसएसपी आवास से सटे बांध के निचले मोहल्ले से लेकर अखाड़ाघाट, झीलनगर, कर्पूरी नगर, बालूघाट, आश्रमघाट, लकड़ीढाई, चंदवारा घाट, छिट भगवतीपुर के साथ दूसरी तरफ शेखपुर ढाब, नाजिरपुर में नदी के बढ़ रहे जलस्तर से लोगों की चिंता भी बढ़ने लगी है। शेखपुर ढाब में सबसे ज्यादा हलचल है। बाढ़ को देखते हुए लोगों ने अभी से ही सुरक्षित ठिकानों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं, बूढ़ी गंडक में अचानक जलस्तर बढ़ने से अधिकारियों की चहल कदमी भी बढ़ गई है।

नगर निगम की भी बढ़ी चिंता : नदी का जलस्तर बढ़ने से शहर के गंदी पानी की निकासी को लेकर नगर निगम की चिंता भी बढ़ गयी है। नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने स्लुईस गेट बंद होने की स्थिति में पानी निकासी के लिए बांध पर पंपिंग सेट लगाने का निर्देश दिया है।

अखाड़ाघाट से डुमरी स्लुइस गेट तक 14 किमी में 24 रेनकट, खतरे में पड़े तटबंध की दी रिपोर्ट

मुशहरी। बूढ़ी गंडक में बढ़ते जलस्तर के बीच शनिवार को डीएम के निर्देश पर सीओ नागेंद्र कुमार ने तटबंध का मुशहरी से लेकर बुधनगरा तक निरीक्षण किया। दर्जनों जगह रेनकट मिले। रजवाड़ा से बुधनगरा तक रेनकट से तटबंध में कई बड़े गड्ढे भी दिखे। जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता रणधीर कुमार ने बताया कि अखाड़ाघाट से डुमरी स्लुइस गेट तक 14 किमी में 24 छोटे बड़े रेनकट हैं। इनमें से आठ भरे जा चुके हैं बाकि पर कार्य जारी है। इधर, स्थानीय ग्रामीण रमेश सहनी, मोहित राय, विपत सहनी, गणेश राम आदि ने बताया कि रेनकट मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। निरीक्षण के दौरान होमगार्ड जवान या चौकीदार तैनात नहीं दिखे। दूसरी ओर तिरहुत नहर का साइफन फटने नहर का पानी तरौरा चौर, रोहुआ राजाराम, भटौलिया और रघुनाथपुर जगदीश के चौर में फैल रहा है। निरीक्षण के बाद सीओ ने देर शाम जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी। उसमें नदी के तटबंध में कई स्थानों पर रेनकट को खतरनाक बताया। जलस्तर में तेजी से वृद्धि की जानकारी दी।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सांसद अजय निषाद शनिवार को बाढ़ व तैयारियों की समीक्षा करने कलेक्ट्रेट पहुंचे। लेकिन डीएम के क्षेत्र भ्रमण से उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। सांसद ने बताया कि बाढ़ व राहत आदि की समीक्षा करनी थी। वहां पहुंचने पर पता चला कि डीएम बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने क्षेत्र में निकले हुए हैं। इसलिए बैठक स्थगित करनी पड़ी। पुन : समय तय होने पर स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पीएचसी स्तर पर भी तैयारी करने का आदेश दिया है। सभी पीएचसी को ब्लीचिंग पाउडर की खरीदारी को रुपये दिए गए हैं। पीएचसी प्रभारियों को आवश्यक दवाओं की खरीदारी करने का भी निर्देश दिया गया है। सेंट्रल ड्रग स्टोर में ब्लीचिंग मात्र 120 बोरा बचा है। इसके हैलोजन टैबलेट भी काफी कम है। एसीएमओ ने बताया कि एक-एक लाख से हैलोजन टैबलेट व ब्लीचिंग पाउडर की खरीदारी करने को कहा गया है।

लगभग एक सप्ताह से धूप नहीं निकलने व बारिश होने से मौसम में नरमी बनी हुई है। तापमान में भी गिरावट आयी है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 4.2 डिग्री का अंतर रह गया है। शुक्रवार को अधिकतम 29.2 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रिकार्ड किया गया। शनिवार सुबह से आसमान में बादल छाये रहे। दिन में जिले के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी हुई तो रात में कई जगह अच्छी बारिश हुई। डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा ने शनिवार को 14.2 एमएम बारिश रिकार्ड किया। मौसम विभाग के अनुसार 17 जुलाई तक मानसून पूरी तरह उत्तर बिहार में सक्रिय है। अगले 24 घंटे अधिक बारिश की संभावना है।

Input : Hindustan

 

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