आस्था के महापर्व छठ पूजा के अंतिम दिन बड़ी संख्या में व्रतियों ने सूर्य देव को ‘सूर्योदय अर्घ्य’ चढ़ाया. देश के अलग-अलग हिस्सों में व्रतियों ने गुरुवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी किनारे समेत अलग-अलग क्षेत्रों में बनाए गए घाटों पर व्रतियों ने अर्घ्य दिया. वहीं पटना में भी गंगा नदी किनारे व्रतियों ने अर्घ्य दिया. महाराष्ट्र में भी व्रतियों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया. इसके साथ ही झारखंड की राजधानी रांची में भी व्रतियों ने उगते सूर्य को नमन किया. सूर्योदय के अर्घ्य के साथ ही 4 चार दिवसीय महापर्व छठ संपन्न हो गया. देश भर में अलग-अलग जगहों पर लाखों व्रतियों ने सूर्य को अर्घ्य दिया और आस्था के पवित्र जल में डुबकी लगाई. छठ पर्व में सूर्य देव और छठ मैया की आराधना-उपासना की जाती है.
चार दिन तक चलने वाला छठ महापर्व मुख्यत: बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में लोग मनाते हैं. महापर्व के तीसरे दिन शाम को व्रती निर्जला रहकर डूबते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देते हैं जबकि चौथे दिन उगते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देने के साथ इस महापर्व का समापन होता है.
बुधवार को दिया था डूबते सूर्य को अर्घ्य
सूर्योपासना का यह पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है. इस वर्ष छठ पर्व की शुरुआत सोमवार को स्नान यानी नहाय-खाय के साथ हुई. इसके बाद मंगलवार को व्रतियों ने ‘खरना’ का प्रसाद ग्रहण किया. ‘खरना’ के दिन व्रती उपवास कर शाम को स्नान के बाद विधि-विधान से रोटी और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसी के साथ व्रती महिलाओं का दो दिवसीय निर्जला उपवास शुरू हो गया.
इससे पहले बुधवार को डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया. यह व्रत गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ संपन्न हुआ. छठ के चौथा दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर विधि-विधान से पूजा संपन्न की गई. घाटों पर खास रौनक दिखी.
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