देश में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के चलते भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अगस्त महीने तक पहले जैसी रेग्युलर पैसेंजर ट्रेन सेवाओं के संचालन पर रोक लगाई है. रेलवे की मेल, एक्सप्रेस, यात्री और उपनगरीय सेवाएं 12 अगस्त तक के लिए रद्द रहेंगी. इसके साथ ही एक जुलाई से 12 अगस्त के बीच इन रेगुलर सेवाओं के लिए बुक किए गए सभी टिकट भी रद्द रहेंगे. इस बीच कैंसिल हुए टिकट के लिए रेलवे फुल रिफंड देगा.

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फिलहाल भारतीय रेलवे 230 विशेष ट्रेनों का संचालन कर रहा है. वहीं रेलवे मंत्रालय ने इस बात को दोहराया है कि यदि मांग बढ़ती है तो और स्पेशल ट्रेनों को बढ़ाया जा सकता है.

इससे पहले रेलवे (Indian Railway) ने मंगलवार को 14 अप्रैल या उससे पहले नियमित ट्रेनों के लिए बुक की गईं सभी ट्रेन टिकटों को रद्द करने की घोषणा की और कहा कि टिकटों का रिफंड (ticket refund) किया जाएगा.

रेलवे बोर्ड ने 22 जून की तारीख के एक आदेश में कहा, “यह तय किया गया है कि नियमित टाइम-टेबल वाली ट्रेनों के लिए 14 अप्रैल को या उससे पहले बुक की गई सभी ट्रेन टिकटों को रद्द कर दिया जाना चाहिए और पूरा रिफंड जेनरेट किया जाना चाहिए.”

रेलवे ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच 25 मार्च से सभी यात्री, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन को निलंबित कर दिया था. 14 मई को, रेलवे ने 30 जून तक यात्रा के लिए बुक किए गए सभी नियमित ट्रेन टिकटों को रद्द कर दिया था और पूर्ण रिफंड पर फैसला किया था. ये टिकट लॉकडाउन अवधि के दौरान बुक किए गए थे, जब रेलवे जून में यात्रा के लिए बुकिंग की अनुमति दे रहा था.

रिफंड के लिए आवेदन कैसे करें?

भारतीय रेलवे द्वारा रद्द की गई ट्रेनों के लिए…

  • PRS काउंटर टिकट के लिए यात्री, यात्रा की तारीख के 6 महीने तक रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं.
  • ई-टिकट ऑटोमेटिकली ही वापस कर दिया जाएगा.

खुद टिकट कैंसिल करने पर

यदि ट्रेन को रद्द नहीं किया गया है, लेकिन यात्री यात्रा नहीं करना चाहता है, तो भारतीय रेलवे कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर एक विशेष मामले के रूप में रिजर्व टिकटों की पूरी राशि वापस कर देगा. यह नियम PRS काउंटर जनरेट टिकट और ई-टिकट दोनों के लिए लागू होगा.

अगर रेलवे ने ट्रेन ​कैंसिल नहीं की है मगर आप यात्रा नहीं करना चाहते तो जर्नी डेट के 30 दिनों के अंदर क्लेम ऑफिस में TDR (Ticket deposit receipt) फाइल करना होगा. TDR फाइल किए जाने के 60 दिनों के अंदर ट्रेन चार्ट के जरिए वेरिफिकेशन के बाद पैसेंजर को पैसे रिफंड कर दिए जाएंगे. ये नियम पहले 10 दिनों के लिए ही था.

यात्री 139 या आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से PRS काउंटर टिकट भी रद्द कर सकते हैं और यात्रा की तारीख से छह महीने के भीतर काउंटर पर रिफंड प्राप्त कर सकते हैं. टेलिफोन नंबर 139 के जरिए टिकट कैंसिल करने वाले पैसेंजर जर्नी डेट के 30 दिनों के अंदर काउंटर से रिफंड पा सकते हैं. जिन लोगों ने पहले ही अपने टिकट रद्द कर दिए हैं, वे भी कैंसेलेशन शुल्क वापस करने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

बता दें भारतीय रेलवे ने पहले ही 1,885 यात्रियों को टिकट अमाउंट रिफंड किया है, जिन्होंने लॉकडाउन अवधि के दौरान टिकट बुक किया था.

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