हिन्दू धर्मग्रंथों और पुराणों के अनुसार धन और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी (Mahalakshmi) पूजा करने से भक्तों को कभी भी आर्थिक (Economical) परेशानी नहीं झेलनी पड़ती. लोग प्रत्येक गुरुवार (Thursday) को अपने घरों में मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की पूजा-अर्चना करते हैं. महालक्ष्मी की आराधना के लिए यूं तो पूरे देश में अनेक मंदिर (Temple) हैं लेकिन आइए आपको बताते हैं भारत के 5 ऐसे विख्यात महालक्ष्मी मंदिर (Mahalakshmi Temple) के बारे में जहां धन और समृद्धि की मन्नतें लिए पूरी दुनिया से श्रद्धालु आते हैं. हालांकि अभी ये सभी मंदिर लॉकडाउन की वजह से बंद हैं.
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महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर
कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश का सबसे प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर माना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण 7वीं सदी चालुक्य वंश के शासक कर्णदेव ने करवाया था. प्रचलित जनश्रुति के अनुसार यहां की लक्ष्मी प्रतिमा लगभग 7,000 साल पुरानी है. इस मंदिर की विशेषता है कि यहां सूर्य भगवान अपनी किरणों से स्वयं देवी लक्ष्मी का पद-अभिषेक करते हैं. जनवरी और फरवरी के महीने में सूर्य की किरणें देवी की पैरों का वंदन करती हुई मध्य भाग से गुजरते हुए फिर देवी के मुखमंडल को रोशन करती हैं, जो कि एक अतभुत दृश्य होता है.
लक्ष्मीनारायण मंदिर, नई दिल्ली
नई दिल्ली में स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ विराजित हैं. इस मंदिर का पुनरुद्धार सन 1938 में उद्योगपति जी. डी. बिरला द्वारा करवाया गया था, जिसे मूल रूप से सन 1622 ईस्वी में वीरसिंह देव ने बनवाया था. भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित इस मंदिर में जन्माष्टमी और दीपावली पूजा विशेष रूप में मनाई जाती है. यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.
महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई
मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर इस शहर के सर्वाधिक प्राचीन मंदिरों में से एक है. अरब सागर के किनारे स्थित यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. यहां हर दिन श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. महालक्ष्मी मंदिर में धन की देवी महालक्ष्मी के साथ देवी महाकाली एवं महासरस्वती की प्रतिमाएं भी एकसाथ विद्यमान हैं. भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि यहां उनकी इच्छाएं जरूर पूरी होंगी.
पद्मावती मंदिर, तिरुचुरा
आंध्र प्रदेश में तिरुपति के पास तिरुचुरा नामक एक गांव है. इस गांव में देवी पद्मावती का सुंदर मंदिर स्थित है. मान्यता है कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में मांगी गई मन्नतें तभी पूरी होती हैं, जब श्रद्धालु बालाजी के साथ-साथ देवी पद्मावती का भी आशीर्वाद लेते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी पद्मावती का जन्म कमल के फूल से हुआ है, जो इस मंदिर के तालाब में खिला था.
महालक्ष्मी मंदिर, इंदौर
मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण सन 1832 ई. में मल्हारराव होल्कर (द्वितीय) ने करवाया था. प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी का दर्शन करने आते हैं. पंडितों के अनुसार इंदौर के मल्हारी मार्तंड मंदिर के साथ इस प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर में सुश्रृंगारित प्रतिमा का बहुत अधिक महत्व है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं. MUZAFFARPUR NOW इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.
Input : News18